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BKU को राजनीति की दलदल में ढकेल रहे टिकैत ब्रदर्स? 2 गुटों में बटा किसान यूनियन, जानें क्या है पूरा मामला

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने रविवार को अपने फायरब्रांड नेता और 2020 में हुए किसान आंदोलन के बड़े चेहरे राकेश टिकैत को निष्कासित कर दिया है।

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने रविवार को अपने फायरब्रांड नेता और 2020 में हुए किसान आंदोलन के बड़े चेहरे राकेश टिकैत को निष्कासित कर दिया है, बता दें कि टिकैत के अलावा उनके भाई नरेश टिकैत को भी बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। किसान नेताओं ने टिकैत भाइयों पर ‘राजनीति खेलने’ और ‘राजनीतिक दल के हित में काम करने’ का आरोप लगाया है। राकेश टिकैत को हटाने के साथ ही संगठन दो गुटों में विभाजित हो गया है। किसान नेता राजेश सिंह चौहान ने नरेश टिकैत की जगह ली है और उन्हें नए बीकेयू (अराजनीतिक) प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है।
BKU को ‘राजनीतिक दल’ में बदल रहे थे टिकैत
शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि भारतीय किसान संघ बनाने में काफी मेहनत की गई है, जिसे किसानों के हितों की रक्षा के लिए बनाया गया था। उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत के नेतृत्व में संगठन एक ‘राजनीतिक क्षेत्र’ में बदल रहे हैं। यह कहते हुए कि किसान संगठन किसी भी ‘राजनीतिक दल’ के लिए काम नहीं करेगा, नेता ने एक नए गुट ‘भारतीय किसान संघ (अराजनीतिक)’ के गठन की घोषणा की।
राजेश सिंह चौहान ने कही यह बात 
बीकेयू (ए) प्रमुख चौहान ने कहा,”आज हमारे संगठन ने एक बैठक की। हमारे नए संगठन का नाम भारतीय किसान संघ (अराजनीतिक) होगा। राकेश टिकैत या नरेश टिकैत पर हमारी कोई टिप्पणी नहीं है, वे जो करना चाहते हैं वह कर सकते हैं। लेकिन बीकेयू एक राजनीतिक दल में बदल गया था।”
उन्होंने आगे कहा, “हमने राकेश टिकैत से बात की और अपनी चिंता व्यक्त की। हमने बीकेयू बनाने के लिए बहुत मेहनत की, लेकिन उन्होंने हमें एक पार्टी का समर्थन करने के लिए कहा। हम इसका विरोध करते हैं। हमारा मकसद किसानों की समस्याओं को देखना है। हम किसी पार्टी के लिए काम नहीं करेंगे।”
राकेश टिकैत कर रहे थे राजनीतिक दलों का समर्थन  
बता दें कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के साथ किसानों का विरोश प्रदर्शन समाप्त हो गया था, राकेश टिकैत को राजनीतिक दलों के लिए प्रचार करते देखा गया। मार्च 2021 में वह पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम और कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लिए प्रचार करने पहुंचे थे। भाजपा ने आरोप लगाया था कि ममता बनर्जी ने टिकैत के नेतृत्व वाले किसानों के विरोध को ‘पृष्ठभूमि समर्थन’ दिया था। उत्तर प्रदेश में उनके बड़े भाई नरेश टिकैत ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि राज्य चुनाव में गठबंधन उम्मीदवारों (समाजवादी पार्टी-रालोद) का समर्थन करेगा। 

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