देश में कृषि कानून को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है। कानून वापस लेने की मांग पर किसान अडिग हैं। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि जब तक तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दिए जाने समेत किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं कर दी जातीं, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
किसानों के एक साल से जारी प्रदर्शन को नजरअंदाज कर रहा है केंद्र
टिकैत ने उत्तर प्रदेश के शामली जिले में संवाददाताओं से कहा कि केंद्र ‘‘किसानों के एक साल से जारी प्रदर्शन को नजरअंदाज कर रहा है, जिसमें 750 किसानों की मौत हो चुकी है।’’ किसान पिछले साल सितंबर में कृषि कानून लागू किए जाने के बाद से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्हें निरस्त किए जाने की मांग कर रहे हैं।
तीन कृषि कानून और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ‘‘किसान विरोधी’’ हैं
उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानून और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ‘‘किसान विरोधी’’ हैं। उन्होंने दावा किया कि सरकार इस मामले को सुलझाने के लिए वार्ता के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपा सरकार केवल उद्योगपतियों का समर्थन करती है।