रेलवे का नया टाइम टेबल 14 अगस्त की रात 12 बजे मतलब 15 अगस्त से लागू हो जाएगा। आप जब IRCTC पर टिकट की बुकिंग करेंगे तो ये टाइम टेबल दिखेगा। रेलवे ने अब इसकी जानकारी देना शुरू कर दिया है। IRCTC कई यात्रियों को SMS भेजकर इसकी जानकारी दे रहा है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुताबिक 28 गाड़ियों की स्पीड बढ़ने से यात्रियों का समय 1 घंटा 35 मिनट तक बचेगा। रेलवे ने इन गाड़ियों की स्पीड बढ़ा दी है। इसलिए अगर आप उत्तर रेलवे से सफर करने वाले हैं तो फिर हेल्पलाइन नंबर 139 पर कॉल करके अपनी ट्रेन की टाइमिंग का पता जरूर कर लें।
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बयान के मुताबिक 57 ट्रेनों के प्रस्थान का समय मौजूदा समय से पहले जबकि 58 ट्रेनों का समय मौजूदा समय से आगे बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा 102 ट्रेनों के आगमन का समय मौजूदा समय से पहले और 84 ट्रेनों का आगे बढ़ाया जाएगा।
रेलवे के बयान में कहा गया है कि यह आम जनता की जानकारी के लिए अधिसूचित किया जाता है कि उत्तर रेलवे की नई समय-सारिणी 15 अगस्त से प्रभावी होगी। बयान में यात्रियों से आग्रह किया गया है कि वह यात्रा करने से पहले नई समय-सारिणी की जांच कर लें।
वहीं रेल मंत्रालय ने चालकों से देरी की स्थिति में विलंबित समय की भरपाई के लिए अधिकतम अनुमत गति से ट्रेन चलाने को कहा है। नये दिशा-निर्देश साल 2000 में जारी एक आदेश का स्थान लेंगे, जिसमें कहा गया था कि समय पर होने के बावजूद ट्रेनों को अधिकतम अनुमत गति (एमपीएस) से चलाया जाएगा।
सूत्र के मुताबिक यह पाया गया कि ओवर स्पिडिंग के डर से लोको पायलट एमपीएस पर ट्रेन चलाने से बचते हैं और इसी वजह से रेलगाड़ियां विलंबित हो जाती हैं। गौरतलब है कि स्वीकृत गति से अधिक पर ट्रेन चलाने पर दंड का प्रावधान है।
इस 15 अगस्त को जारी की जाने वाली नयी समय सारणी में 110 किलोमीटर प्रति घंटे की एमपीएस वाली ट्रेनों की नियत गति या बुक्ड गति 105 किलोमीटर प्रति घंटे और 120 किलोमीटर प्रति घंटे की एमपीएस वाली रेलगाड़ियों की बुक्ड गति 115 किलोमीटर प्रति घंटे होगी।
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मेल एवं एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए स्वीकृत गति सीमा 110 किलोमीटर प्रति घंटा है लेकिन वे औसतन 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों के लिए अधिकतम अनुमत गति सीमा 130 किलोमीटर प्रति घंटा है जबकि वे औसतन 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ती हैं। सूत्र ने बताया कि इस साल औसतन 30 फीसदी ट्रेनों के देरी से चलने के कारण रेलवे ने चालकों से बुक्ड गति से चलने लेकिन देरी की स्थिति में एमपीएस से चलने को कहा है।