गुरुवार को लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा को आसन पर आसीन रमा देवी ने कह दिया कि महुआजी, प्यार से बोलिए। इस पर भड़कते हुए मोइत्रा ने रमा देवी के खिलाफ सोशल मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि वह “लोकसभा के लिए नैतिक विज्ञान की शिक्षिका” नहीं हैं। संसद की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में भाग लेते हुए, मोइत्रा ने विभिन्न मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरने के लिए उग्र रूप अपना लिया।
रमा देवी ने मोइत्रा को दी प्यार से बोलने की नसीहत
तभी रमा देवी ने मोइत्रा के मध्य-वाक्य को बाधित करते हुए, उनसे “प्यार से बात करने” और “इतना गुस्सा न करने” के लिए कहा। सदन में ऐसा लग रहा था कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता ने व्यवधान को खेल के रूप में लिया है। मोइत्रा ने अपने जवाब में कवि रामधारी सिंह “दिनकर” का हवाला देते हुए कहा कि “दुनिया सहिष्णुता, क्षमा और दया की पूजा तभी करती है जब उसके पीछे शक्ति का दर्पण चमकता है।”
महुआ मोइत्रा ने दिया यह जवाब
मोइत्रा ने कहा,”हम सहिष्णुता और क्षमा लाएंगे, लेकिन पीछे से थोड़ी शक्ति भी आएगी।” फिर उन्होंने कहा कि वह रमा देवी के सुझाव को ध्यान में रखेगी और अपना भाषण जारी रखा। मोइत्रा ने कहा कि “लोकसभा अध्यक्ष ने मुझे कम से कम 13 मिनट आवंटित किए थे। “रमा देवी ने कहा कि ‘यह मेरी महानता थी कि मैंने आपको पहले स्थान पर 13 मिनट भी दिए’। अविश्वसनीय।”
ट्वीट कर पूछा- गुस्से से बोलूं या प्यार से बाधित करने वाली अध्यक्ष कौन हैं?
मोइत्रा ने ट्वीट कर कहा कि “मुझे गुस्से (क्रोध) या प्यार (प्यार) के साथ बोलना चाहिए या नहीं, इस पर व्याख्यान देने के लिए मुझे (मेरा बहुमूल्य समय लेते हुए) बाधित करने वाले अध्यक्ष कौन होते हैं? यह आपका काम नहीं है महोदया। आप मुझे केवल नियमों पर ही सुधार सकते हैं। आप एलएस के नैतिक विज्ञान शिक्षक नहीं हैं।”