लोकसभा चुनाव को लेकर रैलीयां हो रही है सभी राजनैतिक दल चुनावी मैदान में अपना दम ख़म दिखा रही है। इस बीच केंद्रीय एजेंसियों का नाम भी चुनावी नारों में गूंज रहें हैं। हर एक राजनैतिक दाल खुद सच्चा और दूसरे को चोर बताकर सियासत कर रही है। एक तरफ दवा है कि भ्रष्टाचारियों पर एक्शन लिया जा रहा है और दूसरी तरफ उसी एक्शन में लोकतंत्र को जेलतंत्र बताया जा रहा है।
पहले चरण के मतदान में केवल दस दिन बचे हैं। इस कड़ी में जांच एजेंसियों के प्रमुखों को हटाने के लिए टीएमसी ने सोमवार को चुनाव आयोग के बाहर धरना प्रदर्शन किया जिसमे जांच एजेंसियों के प्रमुखों को हटाने की मांग की जा रही थी। इसके बाद उन्हें पुलिस आयोग के दफ्तर के बहार से थाने ले गई।
जवाब में दिल्ली पुलिस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हमने किसी को हिरासत में नहीं लिया है। नेता जाने के लिए स्वतंत्र हैं। वे थाने के अंदर ही बैठे हैं।
जानकारी के अनुसार उधर, टीएमसी के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस से मुलाकात की। बनर्जी ने बंगाल में एनआईए, एसपी पर कार्रवाई नहीं करने पर चुनाव आयोग की आलोचना की।