चुनावों में पारदर्शिता और सुधार लाने के लिए जिस एक शख्स का नाम हमेशा याद रहेगा, वो हैं पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषन। मगर चुनाव आयोग को ताकतवर संस्था में बदलने वाले शेषन आज गुमनामी की जिंदगी जी रही हैं। शेषन आज अकेले चेन्नई के अपने फ्लैट में रहते हैं और वक्त मिलते ही शहर से 50 KM दूर एक ओल्ड एज होम में रहने चले जाते हैं।
आपको बता दे कि टीएन शेषण 90 के दशक में अपने आक्रामक चुनाव सुधार कार्यक्रम को लेकर चर्चा में आये थे और उस समय राजनीतिक वर्ग में उनके नाम का खौफ भी था। अपने चुनाव सुधार को टीएन शेषण ने बिहार और उत्तरप्रदेश में फोकस किया था। तब मीडिया में बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और टीएन शेषण के तनातनी के किस्से भी छपते थे और नुक्कड़ों पर लोग चाव से इस पर बात भी करते थे।
आज लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में रांची के सेंट्रल जेल में हैं और टीएन शेषण ओल्ड एज होम में, लेकिन दोनों के दो-ढाई दशक पुराने रिश्तों पर एक बार फिर बात शुरू हो गयी है और लोग यादों के पुराने पन्ने पलट कर उन दिनों की चर्चा कर रहे हैं।
990 के दशक के पूर्वार्द्ध में जब टीएन शेषण चुनाव सुधार कर रहे थे तो लालू प्रसाद यादव उन दिनों परेशान थे, तब उन्होंने संकेत में आरोप लगाया था कि वे पिछड़ी जाति के हैं और इसी वजह से उन्हें दो ब्राह्मण परेशान कर रहे हैं लालू प्रसाद यादव का इशारा तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव और मुख्य चुनाव आयुक्त टीएन शेषण की ओर था।
1995 में इंडिया टुडे को टीएन शेषण ने एक लंबा इंटरव्यू दिया। इस इंटरव्यू में उनसे इस संबंध में सवाल पूछा गया कि लालू प्रसाद ने ऐसा कहा है, क्या कहेंगे आप? इस पर शेषण ने एक पंक्ति में सपाट जवाब दिया कि लालू प्रसाद यादव महान राष्ट्रभक्त हैं। लालू ने 1995 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान कहा था कि ब्राह्मणवादी ताकतें हमें रोकने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन जनता दल दो तिहाई बहुमत से सरकार में आयेगी।
टीएन शेषण ने अपने इस इंटरव्यू में बताया था कि नरसिंह राव उनसे बैरियत का भाव रखते हैं।
शेषण ने यह भी कहा था कि वे त्यागी नहीं हैं और उन्होंने अपने पूरे जीवन में प्रतिशोध देखा है। शेषण से जब यह पूछा गया था कि उनके प्रिय नेता कौन हैं, तो उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल और राजा जी यानी चक्रवर्ती राजगोपालाचारी का नाम लिया था। उन्होंने कहा था कि राजाजी अपने ज्ञान व विद्वता के कारण उन्हें पसंद हैं।
बता दे कि तमिलनाडु कॉडर के आईएएस अधिकारी टीएन शेषन भारत के 10वें चुनाव आयुक्त बने थे। उनका कार्यकाल 12 दिसंबर, 1990 से 11 दिसंबर, 1996 तक रहा था। शेषन ने अपने कार्यकाल में स्वच्छ एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन किया गया। सख्ताई के कारण उनका सरकार और कई नेताओं से विवाद हुआ था।
अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।