पिछले साल केंद्र द्वारा लाये गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान समूह आज देशभर में ‘रेल रोको’ आंदोलन करेंगे। विरोध प्रदर्शन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक किया जाएगा। टिकैत ने कहा कि केंद्र पिछले आठ महीनों से कई ट्रेनों को संचालन की अनुमति नहीं दे रहा है, इस तथ्य के बावजूद कि लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और कई अन्य प्रतिबंध हटा लिए गए हैं।
बीकेयू नेता ने कहा कि उनके गांवों के लोग भी इस विरोध में हिस्सा लेंगे। ट्रेनों से यात्रा करने वाले बच्चों के लिए व्यवस्था की गई है। रेल रोको’’ अभियान के मद्देनजर रेलवे ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल पर ध्यान केन्द्रित करने के साथ ही देशभर में रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की है।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर पिछले सप्ताह ‘‘रेल रोको’’ अभियान की घोषणा की थी। रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक, अरुण कुमार ने बुधवार को कहा, ‘‘मैं सभी से शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। हम जिला प्रशासनों के साथ संपर्क बनाए रखेंगे और नियंत्रण कक्ष बनाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम खुफिया जानकारी इकट्ठा करेंगे। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों और कुछ अन्य क्षेत्रों पर हमारा ध्यान केंद्रित रहेगा। हमने इन क्षेत्रों में रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) की 20 कंपनियों को तैनात किया है।’’
कुमार ने कहा, ‘‘हम उन्हें इस बात पर राजी करना चाहते हैं कि यात्रियों को कोई असुविधा नहीं हो और हम चाहते हैं कि यह (रेल रोको) अभियान शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो जाये।’’ एसकेएम ने कहा था कि देशभर में दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक रेलों की आवाजाही को अवरुद्ध किया जायेगा। उत्तरी रेलवे के सूत्रों ने कहा कि वे उम्मीद कर रहे हैं कि ‘रेल रोको’ आंदोलन पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में केंद्रित होगा।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘रेल रोको अभियान के मद्देनजर रेलगाड़ियों की आवाजाही पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। एक बार जब हमें विरोध की स्थिति की तस्वीर मिल जाती है तो संवेदनशील स्थानों की पहचान हो जाती है, तो हम कार्रवाई की योजना बनाएंगे। हमारे पास लगभग 80 रेलगाड़ियां हैं जो संभावित संवेदनशील क्षेत्रों से गुजरती हैं और उनमें से ज्यादातर दोपहर 12 बजे से पहले ही गुजर जाती है।’’
भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने मंगलवार को कहा था कि किसान यूनियनें चुनावों को लेकर पश्चिम बंगाल में भी बैठक करेंगी और उन्होंने संकेत दिया था कि वे वहां के लोगों से उन लोगों को वोट न देने के लिए कहेंगे जो ‘‘हमारी आजीविका छीन’’ रहे हैं। गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं।