विश्व हिंदू परिषद (VHP) के हिंदुत्व की सबसे उग्र आवाज माने जाने वाले नेता प्रवीण तोगड़िया ने शनिवार को इस संगठन को छोड़ने की घोषणा कर दी। अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए शनिवार को हुए चुनाव में हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल विष्णु सदाशिव कोकजे जीते। उन्होंने तोगड़िया समर्थित राघव रेड्डी को हराया। विहिप के 54 साल के इतिहास में पहली बार वोटिंग से अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है। दरअसल विहिप का अध्यक्ष ही अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष को चुनता है उन्होंने तोगड़िया की जगह आलोक कुमार को अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है।
अब सवाल उठता है कि हिंदुत्व के पोस्टरब्वॉय रहे प्रवीण तोगड़िया को आखिर क्यों हटाया गया? दरअसल विहिप, संघ का ही एक आनुषांगिक संघटन है। इसलिए कहा जा रहा है कि तोगड़िया के खिलाफ बगावत में संघ का समर्थन भी रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि संघ उनकी हालिया कार्यशैली से खुश नहीं था। तोगड़िया समर्थक और विरोधी धड़ों के बीच नए अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष पर सहमति नहीं बनने के चलते चुनाव करवाना पड़ा। गुड़गांव में शनिवार सुबह 11.00 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हुआ। राष्ट्रीय कार्यकारिणी से जुड़े 192 सदस्यों ने वोट डाले।
दोपहर 1.00 बजे मतदान खत्म होते ही मतगणना हुई। कोकजे को 131 और प्रतिद्वंद्वी रेड्डी को 60 वोट मिले। एक वोट रद्द हो गया। जीत की घोषणा होते ही डाॅ. तोगड़िया बाहर चले गए। तोगड़िया ने कहा कि 100 करोड़ हिंदुओं की आवाज दबाई गई है। मैं विहिप में 32 साल से था। हिंदुओं, किसानों, युवाओं, मजदूरों की आवाज उठाता रहूंगा।’ उन्होंने कहा कि 17 अप्रैल से अहमदाबाद में अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठेंगे।
विहिप के नए अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव काेकजे का जन्म 6 सितंबर, 1939 को मप्र के इंदौर में हुआ था। 1964 में उन्होंने वकालत शुरू की। 1990 से 2001 तक वह राजस्थान और मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जज भी रहे। इसके बाद 2003 से 2008 तक हिमाचल प्रदेश में राज्यपाल का दायित्व निभाया। वह भारत विकास परिषद के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
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