कांग्रेस ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के शनिवार को दिए गए बयान को साजिश का संकेत करार दिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस पर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की है। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने रविवार को एक बयान में कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में यह कहकर जाहिर कर दिया है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में हार के डर से फिलहाल कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं लेकिन चुनाव के बाद फिर इन कानूनों को किसानों पर थोपने की साजिश की जा रही है।
कांग्रेस ने साधा केंद्र पर निशाना, कहा- प्रधानमंत्री अपना रुख करें स्पष्ट
उन्होंने कहा,‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन कानूनों पर देश के किसानों से माफी मांगी और संसद में बिना चर्चा कराए इन कानूनों की वापसी का प्रस्ताव पारित कराया, उन्हीं कानूनों को कृषि मंत्री वापस लाए जाने का संकेत दे रहे हैं। प्रधानमंत्री अपने कृषि मंत्री के बयान पर अपना रुख स्पष्ट करें। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो यह माना जाएगा कि सरकार चुनाव के बाद फिर से किसान विरोधी कृषि कानून थोप देगी।’’ कुमार ने कहा कि कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में तोमर के इस बयान को किसानों के बीच रखेगी और उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुत्सित इरादों के बारे में बताएगी।
कृषि मंत्री ने किया अपने बयान का बचाव
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने ब्यान पर सफाई देते हुए कहा कि सरकार की हाल में निरस्त किए गए कृषि कानूनों को वापस लाने की कोई योजना नहीं है और उन्होंने किसानों से इस मुद्दे पर कांग्रेस द्वारा पैदा किए जा रहे ‘‘भ्रम’’ से सावधान रहने का आग्रह किया। तोमर ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने का फैसला किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की (निरस्त) कृषि कानूनों को फिर से लाने की कोई योजना नहीं है..कांग्रेस अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए भ्रम फैलाने के नकारात्मक काम में लगी हुई है।’’ उन्होंने किसानों से इससे सावधान रहने को कहा। पीएम मोदी ने 19 नवंबर को राष्ट्र को दिए संबोधन में तीन विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की थी।
क्या था नरेंद्र सिंह तोमर का बयान
गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को नागपुर में कृषि उद्योग प्रदर्शनी के उद्घाटन के मौके पर अपने संबोधन में कहा था हम कृषि कानून लेकर आए थे लेकिन कुछ लोगों को रास नहीं आया। वह 70 सालों की आजादी के बाद एक बड़ा सुधार था, लेकिन सरकार निराश नहीं है। हम एक कदम पीछे हटे हैं, आगे फिर बढ़ेंगे क्योंकि हिंदुस्तान के किसान इस मुल्क की रीढ़ की हड्डी हैं। जब रीढ़ मजबूत होगी तो देश मजबूत होगा।