पेट्रोल-डीजल और गैस की बढ़ती कीमतों के बीच अब सब्ज़ियों के दाम भी ऊंचाई पर है। ईंधन के बाद सब्ज़ियों के दामों में हो रही बढ़ोतरी आम आदमी की कमर तोड़ रही है। आलम यह है कि देश के कई हिस्सों में टमाटर के दाम शतक लगाने को बेताब है। राष्ट्रीय राजधानी में टमाटर 80 रुपए प्रतिकिलो तक बिक रहा है। वहीं कोलकाता में टमाटर के दाम 93 रुपए प्रतिकिलो पहुंच गए हैं।
आंकड़ों के अनुसार महानगरों में, कोलकाता में टमाटर 93 रुपए प्रति किलो, चेन्नई में 60 रुपए प्रति किलो, दिल्ली में 80 रुपए किलो और मुंबई में 53 रुपए प्रति किलो के हिसाब से सोमवार को बेचे गए। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय द्वारा जिन कुछ शहरों में टमाटर कीमतों का जायजा लिया गया उनमें 175 शहरों में से 50 से अधिक शहरों में टमाटर की खुदरा कीमत 50 रुपए प्रति किलोग्राम से अधिक थी।
प्रमुख उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश के कारण फसल को हुए नुकसान के बीच मंडियों में कम आवक होने के कारण टमाटर की कीमतों में तेजी आई है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, मुंबई में, टमाटर की आवक 16 अक्टूबर को कम यानी 241 टन ही थी, जबकि एक सप्ताह पहले 290 टन की आवक हो रही थी। दिल्ली में यह आवक 528.9 टन और इसी तारीख को कोलकाता में 545 टन रही।
मौजूदा वक्त में, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में टमाटर की तुड़ाई चल रही है। पिछले हफ्ते, आजादपुर टमाटर एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक कौशिक ने कहा था, ‘‘मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश ने फसल को नुकसान पहुंचाया है, जिससे दिल्ली जैसे उपभोक्ता बाजारों में आपूर्ति प्रभावित हुई है।
इस वजह से थोक और खुदरा बाजारों में इस सब्जी के कीमतों में वृद्धि हुई है।’’ टमाटर की फसल बोने के लगभग 2-3 महीने में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। फसल की तुड़ाई बाजार की आवश्यकता के अनुसार की जाती है। नेशनल हॉर्टिकल्चरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन के अनुसार, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक देश, भारत, 7.89 लाख हेक्टेयर के भू-क्षेत्र में लगभग 25.05 टन प्रति हेक्टेयर की औसत उपज के साथ लगभग एक करोड़ 97.5 लाख टन टमाटर का उत्पादन करता है।