ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने गए पीएम मोदी आज चीन के राष्ट्रपति के साथ द्विपरक्षीय बातचीत करेंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक शी जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच कल सुबह दस बजे द्विपक्षीय बातचीत होगी। ब्रिक्स देशों के घोषणापत्र में आतंक के खिलाफ पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के नाम शामिल किए गए हैं। ब्रिक्स के सभी पांच देशों की सहमति से तैयार किए गए इस बयान में लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के नाम हैं। इसमें कहा गया है कि आतंक को किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता। आतंकियों को मदद और उनका समर्थन करने वाले देशों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। आतंक से लड़ने की एक समग्र नीति होनी चाहिए जिसमें आतंकियों को मिलने वाली आर्थिक मदद पर रोक से लेकर आतंकियों के कैंपों को नष्ट करना तक शामिल होना चाहिए।
इसमें एकजुट होकर संयुक्त राष्ट्र से आतंक पर कार्रवाई की मांग की बात भी की गई है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मीडिया की नजरों से दूर होने वाली ब्रिक्स की बैठक बैठकों में आतंक के खिलाफ मिलकर लड़के की खूब वकालत कर रहे हैं। ये भारत के लिए बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत है। अब नवंबर में चीन का बड़ा इम्तिहान होगा क्योंकि संयुक्त राष्ट्र में मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव आएगा। चीन के ऊपर दबाव होगा कि जो वादा ब्रिक्स सम्मेलन में किया है उसको वो संयुक्त राष्ट्र में भी निभाएगा।
पांच देशों ब्राजील, रूस, इंडिया, चाइना और साउथ अफ्रीका यानी ब्रिक्स का आपसी आर्थिक विकास के लिए संगठन बना है। दुनिया की करीब तैंतालिस फीसदी आबादी इन्हीं पांच देशों में रहती है। जहां विश्व का सकल घरेलू उत्पाद 30% है और विश्व व्यापार में इसकी 17% हिस्सेदारी है। इनके पास दुनिया का 25% भूभाग है। पहला ब्रिक्स सम्मेलन 16 जून 2009 को रूस में हुआ था।
बता दें कि यह सम्मेलन चीन के श्यामन में हो रहा है। इस दौरान मेजबान राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे पीएम मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमर और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकोब जूमा का औपचारिक स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच खासी गर्मजोशी देखने को मिली।