1 – BENGAL ELECTION : बंगाल की चुनावी जंग में ममता बनर्जी के सामने चेहरा कौन?
कुछ दिन पहले ममता ने अपनी चुनावी सभा मे कहा कि मैं रॉयल बंगाल टाइगर की तरह ही रहूंगी। पश्चिम बंगाल की चुनावी जंग में ममता के सामने चेहरा कौन? ये चुनौती भाजपा और कांग्रेस-लेफ्ट के लिए बड़ी होती जा रही है। तृणमूल कांग्रेस से पिछले एक साल में एक दर्जन से ज्यादा नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। लेकिन पार्टी को अभी भी ममता का सीएम फेस अन्य प्रतिद्वंद्वी दलों पर भारी लग रहा है। राजनीतिक जानकार भी मानते हैं कि ममता बनर्जी को लेकर जमीनी स्तर पर बहुत ज्यादा गुस्सा नहीं है। हार्ड कोर हिंदुत्व के भाजपा के प्रचार से आकर्षित होने वालों की संख्या लगातार बढ़ी है। लेकिन क्या यह सत्ता बदलने के लिए पर्याप्त है, इसे लेकर राजनीतिक नब्ज टटोलने वाले लोग असमंजस में हैं। ममता बनर्जी अपनी चुनावी सभाओं में बंगाली स्वाभिमान का मुद्दा छेड़कर भाजपा पर बाहरी व्यक्ति थोपने का आरोप लगाती हैं। हालांकि भाजपा कई बार स्पष्ट कर चुकी है कि सीएम का चेहरा कोई बंगाली ही होगा। लेकिन उस चेहरे की तलाश लंबी होने से तृणमूल को इस पिच पर खेलने में मजा आ रहा है। उधर तृणमूल और भाजपा की जंग के बीच कांग्रेस और वामदल गठबंधन के साथ अपनी हवा बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
2 – LAC CONFLICT : पैंगोंग इलाके से तेजी से हट रही चीनी सेना, अगले सप्ताह हो सकती है सीनियर कमांडरों की बैठक
मंगलवार को चीनी सेना ने कैलाश रेंज और फिंगर-5 इलाके से वापसी की है। पूर्वी लद्दाख में पेंगोंग लेक इलाके से दोनों देशों की सेनाएं तय समझौते के तहत लगातार पीछे हट रही हैं। जबकि भारतीय सैनिक पेंगोंग लेक के दक्षिणी हिस्से की कई ऊंची चोटियों से हट रहे हैं। यहां अगस्त में सैनिकों ने पोजीशन संभाली थी, जिसके बाद ही चीनी सेना के लिए मुश्किल पैदा हुई थी। भारतीय सेना की तरफ से जारी तस्वीरों में स्पष्ट नजर आ रहा है कि चीनी सैनिकों का काफिला तेजी से कैलाश रेंज से आगे बढ़ रहा है। उसमें बड़ी संख्या में टैंक आदि भी हैं। कुछ चित्रों में चीनी सैनिक पहाड़ियों पर बने अपने ढांचों को तोड़ते हुए नजर आ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अब तक 200 से अधिक टैंक चीनी सेना के रवाना हो चुके हैं। तय समझौते के अनुरूप भारतीय सैनिक एवं टैंक भी पीछे हट रहे हैं। बता दें कि दोनों देशों की सेनाओं में हुए समझौते के तहत चीन की सेनाएं फिंगर – 8 और भारतीय सेनाएं फिंगर-3 तक पीछे हटेंगी। बता दें कि समझौते में 48 घंटों के भीतर वरिष्ठ कमांडरों की बैठक करने की बात कही गई है।
3 – NASSCOM Technology and Leadership Forum : प्रधानमंत्री आज एनटीएलएफ को करेंगे संबोधित
आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नास्कॉम टेक्नॉलॉजी एंड लीडरशिप फोरम (एनटीएलएफ) को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोमवार को यह जानकारी दी। पीएमओ ने बताया कि ओएनटीएलएफ के 29वें सम्मेलन का आयोजन 17 से 19 फरवरी 2021 तक किया जा रहा है। यह सम्मेलन नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नास्कॉम) का अग्रणी आयोजन है। इस वर्ष के आयोजन का विषय है, ‘शेपिंग द फ्यूचर टूवार्ड्स ए बेटर नॉर्मल’। इसमें 30 से अधिक देशों के 1600 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और तीन दिन के आयोजन के दौरान 30 उत्पाद दिखाए जाएंगे।
4 – आसाराम को सीने में दर्द की शिकायत, अस्पताल के इमरजेंसी वॉर्ड में भर्ती
मंगलवार को देर रात आसाराम को सांस लेने में तकलीफ की वजह से अस्पताल ले जाया गया। आसाराम को सांस लेने में दिक्कत के साथ ही सीने, घुटनों में भी दर्द की शिकायत थी। आसाराम को बेचैनी महसूस हुई तो पहले जेल के डिस्पेंसरी में एक घंटे तक प्राथमिक उपचार दिया गया और इसके बाद आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल से महात्मा गांधी अस्पताल लाया गया लेकिन यहां ईसीजी और ब्लड टेस्ट करने के बाद देर रात 12:45 बजे के आसपास उसे मथुरादास माथुर अस्पताल शिफ्ट कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आसाराम को अस्पताल के सीसीयू में भर्ती किया गया। हालांकि, आसाराम की ईसीजी रिपोर्ट भी नेगेटिव थी लेकिन ब्लड रिपोर्ट और सीने में दर्द की वजह से उसे सीसीयू में भर्ती कराया गया। दूसरी तरफ आसाराम को अस्पताल लाए जाने की सूचना के साथ अस्पताल के बाहर बड़ी संख्या में उसके समर्थक इकट्ठा हो गए।
5 – FARMER’S PROTEST : आंदोलन की आड़ में माहौल खराब करने का खेल
दिल्ली पुलिस ने अब यह चौंकाने वाला खुलासा किया है कि आंदोलन की आड़ में माहौल को खराब करने का खेल बीते साल 9 दिसंबर से शुरू हुआ था। यह खुलासा निकिता और खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के बीच चैट से हुआ है। वहीं एक अहम खुलासा यह है कि इस मामले में फरार शांतनु ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में मौजूद था। डंप डाटा एनालिसिस में जो संदिग्ध नंबर मिले हैं, उसमें शांतनु के मोबाइल की लोकेशन दिल्ली के टीकरी बॉर्डर इलाके की मिली है। इतना ही नहीं, तकनीकी जांच में पता चला है कि वह 20 से 27 जनवरी के बीच दिल्ली में ही मौजूद था। यहीं से उसने टूलकिट के लिए सोशल मीडिया को ऑपरेट किया था। जांच से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक टूलकिट मामले में फरार चल रही निकिता जैकब के चैट में यह खुलासा हुआ है कि वह पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन की पुनीत से किसान आंदोलन को लेकर बात कर रही है। इसमें कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जिससे यह जाहिर होता है, इस खालिस्तानी संगठन से वह पहले से जुड़ी है और किसान आंदोलन को लेकर कुछ जोर-शोर से तैयारी चल रही है। लिहाजा इससे जाहिर हो रहा है कि पुनीत के माध्यम से पोएटिक फाउंडेशन के साथ मिलकर सक्रिय रूप से साजिश रची जा रही थी।