1 – Oxford University : कोरोना के रोकथाम के लिए सीखे कुछ गंजाम और धारावी से, जानिए इन जगहों पर कैसे कैद हुआ कोरोना
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने भी 310 शहरों पर अध्ययन के बाद यह बात मानी है। ओडिशा के गंजाम और महाराष्ट्र के धारावी से यह सीखा जा सकता है कि कोरोना को कैसे काबू में किया जाये या उसे फैलने से कैसे रोका जाये। धारावी और गंजाम जैसे इलाको में जहां हजारों संक्रमित थे, लेकिन आज 200 से भी कम मरीज हैं। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के बाद अब विश्व बैंक ने भी धारावी मॉडल की तारीफ की है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और पूर्वोत्तर विश्वविद्यालय की टीम ने अध्ययन में पाया कि छोटे व घनी आबादी वाले इलाकों में संक्रमण काफी तेजी से फैला। इतना ही नहीं गांवों की तुलना में शहरों में ज्यादा लोगों के संक्रमित होने के पीछे वजह भी यही है। उनके मुताबिक, अगर छोटे पॉकेट में ही चिह्नित कर संक्रमण थाम लिया जाए तो महामारी को फैलने से रोका जा सकता है। महामारी विशेषज्ञ डॉ.मोरिज क्रैमर ने कहा की हर शहर हर घर के लिए कोई एक तरीका नहीं हो सकता है, लेकिन स्क्रीनिंग के उपाय हर जगह एक जैसे हो सकते हैं।
2 – बालिका गृह कांड की आरोपी मंजू वर्मा को नीतीश ने दिया टिकट, अभी जमानत पर हैं बाहर
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड यानी जदयू की कैंडिडेट लिस्ट में एक नाम ऐसा रहा, जिसने सबको चौंका दिया है। नीतीश कुमार की जदयू ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को भी टिकट दिया है, जो 2018 में मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की आरोपी हैं और जिन्हे बालिका गृह कांड सामने आने के बाद जदयू ने निलंबित भी कर दिया था। बता दें कि जदयू की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में नाम आने और मंत्री पद से हटाए जाने से पहले मंजू वर्मा नीतीश कुमार की कैबिनेट में सामाजिक न्याय मंत्री थीं। मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में विवादों में रहीं पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को भी जेडीयू ने चेरिया विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया है। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड यानी जदयू ने तीन चरणों में होने वाले बिहार विधासनभा चुनाव के लिए अपने 115 उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट जारी कर दी है।
3 – आज देशभर में पीएम मोदी ने ‘जन आंदोलन’ की शुरुआत की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी त्योहारों, ठंड के मौसम और अर्थव्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर बृहस्पतिवार को कोविड-19 से निपटने के लिए लोगों के समुचित व्यवहार के बारे में ट्विटर पर एक ‘‘जन आंदोलन’’ की शुरुआत की। उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट कर लोगों से आग्रह किया कि जब तक कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कोई टीका नहीं बन जाता तब तक उन्हें हर सावधानी बरतनी है और तनिक भी ढिलाई नहीं करनी है। उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस से बचें। हाथ धोएं बार-बार। सही से मास्क पहनें। निभाएं दो गज की दूरी। जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।’’ मोदी ने कोरोना वायरस से बचाव संबंधी संदेशों के साथ तस्वीरें भी साझा कीं। इनमें वह खुद गमछा लपेटे हुए हैं और हाथे जोड़कर लोगों से बचाव का आग्रह करते दिख रहे हैं। अभियान को धार देने के लिए उन्होंने ‘‘यूनाइट टू फाइट कोरोना’’ हैशटैग का भी उपयोग किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सब मिलकर कोरोना वायरस के खिलाफ सफलता हासिल करेंगे और इस लड़ाई को जीतेंगे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई लोगों द्वारा लड़ी जा रही है जिसे कोरोना योद्धाओं से मजबूती मिली है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सामूहिक प्रयासों ने कई जिंदगियां बचाने में मदद की है। हमें इस गति को बरकरार रखना है और इस वायरस से नागरिकों की रक्षा करनी है।’’
4 – Bihar Election 2020: इन सीटों को बचाना कांग्रेस की बड़ी चुनौती
आगामी चुनावों में कांग्रेस के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा हो सकती है क्योंकि बदले समीकरण में कांग्रेस को पहले चरण के चुनाव में अपनी नौ सीटें बचाने की बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। हालांकि इनमें आठ सीटें पिछले चुनाव में इसकी जीती हुई हैं। जदयू के विधायक मुन्ना शाही के कांग्रेस में आ जाने से एक सीटिंग सीट बढ़ गई। पिछले विधानसभा चुनाव से इस बार का समीकरण कुछ अलग हो गया है। 2015 के चुनाव में कांग्रेस, राजद और जदयू साथ मिलकर लड़े थे। अधिसंख्य सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों के सामने थे भाजपा के उम्मीदवार तो कुछ पर LJP के प्रत्याशियों से भी टक्कर हुई थी। लिहाजा कांग्रेस का स्ट्राइक रेट 64 प्रतिशत था। 42 में 27 सीटें इस पार्टी ने जीत ली थी, लेकिन इस बार का चुनावी परिदृश्य कुछ अलग है। भाजपा तो कांग्रेस के सामने है ही JDU भी उसके साथ विरोध में खड़ी है। इसके अलावा पिछले चुनाव में भाजपा के साथ मिलकर मैदान में उतरने वाली लोजपा और रालोसपा भी अलग से मैदान में खड़ी है।
5 – US Election 2020 Vice Presidential : कमला हैरिस ने कोरोना को लेकर ट्रंप प्रशासन को घेरा, माइक पेंस का जवाबी हमला
3 नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन के बीच पहली बहस के बाद अब उपराष्ट्रपति पद के लिए माइक पेंस और कमला हैरिस के बीच बहस के लिए मंच तैयार है। उपराष्ट्रपति माइक पेंस और डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उन्हें चुनौती देने वालीं सीनेटर कमला हैरिस आज यानी बुधवार को उटाह की सॉल्ट लेक सिटी में उपराष्ट्रपति पद के लिए हो रही बहस में हमला करने को लेकर पूरी तरह से तैयार हैं। डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने कोरोना वायरस से निपटने को लेकर ट्रंप प्रशासन पर जमकर हमला बोला। कमला हैरिस ने कहा कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को इस कोरोना महामारी की प्रकृति के बारे में सूचित किया गया था कि घातक और हवा से फैलने वाला है मगर आज भी कोोरना के खिलाफ उनके पास कोई ठोस योजना नहीं है। मगर जो बाइडेन के पास है। उपराष्ट्रपति की बहस के दौरान अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि कोरोना के लिए आप ट्रंप को जिम्मेदार क्यों ठहरा रही हैं। उन्होंने हजारों लोगों की जान बचाई है।