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TOP 5 NEWS 12 NOVEMBER : आज की 5 सबसे बड़ी खबरें

बिहार चुनाव के नतीजों में एनडीए को बहुमत मिला है। एनडीए में अब सरकार गठन की कवायद शुरू हो गई है।

1 – जानें किसके कितने विधायक बनेंगे मंत्री और NDA में किस फॉर्मूले पर हो रहा काम !
बिहार चुनाव के नतीजों में एनडीए को बहुमत मिला है। एनडीए में अब सरकार गठन की कवायद शुरू हो गई है। विधानसभा अध्यक्ष किस दल के खाते में होगा, यह एनडीए के नेता आपसी बैठक के बाद तय करेंगे। एनडीए के आला नेता इस मसले पर बातचीत शुरू कर चुके हैं। हालांकि, मुख्यमंत्री दीपावली के बाद ही शपथ ग्रहण कर लेंगे, लेकिन मंत्रियों के फॉर्मूले पर प्रारंभिक बातचीत जारी है। सूत्रों के अनुसार, सात विधायकों पर दो को मंत्री बनने का मौका मिल सकता है। हालांकि, जब एनडीए के शीर्ष नेता बैठेंगे तो इस फॉर्मूले में भी बदलाव हो सकता है। नियमानुसार, बिहार में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं। इस बार एनडीए के 125 विधायक जीत कर आए हैं। इनमें जदयू के 43 और भाजपा के 74 विधायक हैं। जबकि हम और वीआईपी के चार-चार विधायक हैं। मौजूदा फॉर्मूला के हिसाब से अगर हम और वीआईपी मंत्रिमंडल में शामिल हुए तो दोनों दलों से एक-एक मंत्री हो सकते हैं। जबकि जदयू से 13 तो भाजपा से 21 मंत्री बन सकते हैं। वहीं राजनीतिक गलियारों से आ रही खबरों के अनुसार, अभी सरकार में जदयू और भाजपा कोटे से बराबर-बराबर मंत्री बनाये जा सकते हैं। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में साफ कहा है कि एनडीए की अगली सरकार में वे स्वयं मंत्री नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री रह चुके हैं। ऐसे में वे फिर मंत्री बनना नहीं चाहेंगे।
2 – LAC CONFLICTS : जल्द खत्म होंगे भारत-चीन के बीच जारी गतिरोध
LAC पर भारत-चीन के बीच विगत छह माह से जारी गतिरोध खत्म होने के आसार अब नजर आने लगे हैं। दोनों देशों के बीच एक प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है जिसके तहत तीन चरणों में दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटेंगी और एलएसी पर मई से पहले की स्थिति बहाल होगी। सेना के सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच बनी सहमति के बाद तीन चरणों में सेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति बन चुकी है। उम्मीद है कि सैन्य कमांडरों की जल्द होने वाली नौवें दौर की बैठक में इस प्रस्ताव पर दोनों देशों की मुहर लग जाएगी। सूत्रों के अनुसार, इस प्रस्ताव के तहत पहले चरण में दोनों देश एलएसी पर जमा टैंकों, तोपों आदि रक्षा साजो सामान को पीछे हटाएंगे। दूसरे चरण में चीनी सेना फिंगर आठ तक पीछे हटेगी। अभी वह फिंगर-4 के करीब के कुछ इलाकों में मौजूद है। जबकि भारत फिंगर-2 तक पीछे हटेगा, जहां वह मई से पहले की स्थिति में मौजूद था। प्रस्ताव के तहत दोनों देशों की सेनाएं एक तय प्रक्रिया के तहत एक दूसरे द्वारा उठाए जा रहे कदमों की निगरानी करेंगी। दोनों देशों के 50-50 हजार जवान एलएसी और इसके करीब के क्षेत्रों में एकत्र हैं तथा कुछ स्थानों पर सेनाएं 300 मीटर की दूरी पर आमने-सामने मौजूद हैं।
3 – बिहार की नई सरकार के सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियां
बिहार में फिर से NDA की सरकार बनने जा रही है। आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच सालों के दौरान आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती, रोजगार सृजन, समेत सरकार को जिन चुनौतियां का सामना करना पड़ा था, वहीं फिर से नई सरकार के सामने हैं और इस बार उसे इस मोर्चे पर सफलता के लिए अपना पूरा दम-खम दिखाकर बिहार को विभिन्न क्षेत्रों में पिछड़ेपन से उबारना होगा। बिहार की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत का एक तिहाई है। यह राज्य में आर्थिक गतिविधियों की कमी को दर्शाती है। 2018-19 में वाणिज्यिक बैंकों ने बिहार में 3,53,279 करोड़ रुपये जमा किए, लेकिन वे इनमें से केवल 1,20,287 करोड़ का कर्ज वितरित कर सके। पिछले वित्त वर्ष में, बिहार की प्रति व्यक्ति आय 31,287 रुपये थी, जो कि राष्ट्रीय औसत 94,954 की करीब 33 फीसदी थी। यह आंकड़ा दर्शाता है कि राज्य में आर्थिक गतिविधियां किस कदर सुस्त थीं। राज्य की आर्थिक निष्क्रियता से कई क्षेत्रों पर असर पड़ा। नई सरकार को रोजगार सृजन और विर्निमाण क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ ही राज्य में शिक्षा वितरण प्रणाली में सुधार पर ध्यान देना होगा। बता दें कि बिहार की साक्षरता दर 70.9 फीसदी है, जो कि देश में तीसरी सबसे कम है। बिहार का न्यूनतम ऋण जमा अनुपात इसके गरीब राज्य की छवि से ऊपर उठने में सबसे बड़ा अवरोध है।
4 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे आसियान-भारत शिखर बैठक की सह-अध्यक्षता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एशियाई देशों के संगठन आसियान (ASEAN) के बीच डिजिटल शिखर बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे । प्रधानमंत्री मोदी इस 17वें आसियान-भारत शिखर की बैठक की वियतनामी प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक के साथ सह-अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक कोरोना वायरस महामारी के कारण आए आर्थिक संकट से उबरने और रणनीतिक संबंधों को व्यापक बनाने पर केंद्रित हो सकती है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी पिछले साल नवंबर में बैंकॉक में हुए 16वें भारत-आसियान शिखर सम्मलेन में शामिल हुए थे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस शिखर बैठक में आसियान-भारत रणनीतिक साझेदारी की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की जाएगी और संपर्क, समुद्री मार्ग संबंधी सहयोग, व्यापार एवं वाणिज्य, शिक्षा और क्षमता निर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हुई प्रगति पर भी विचार किया जाएगा। रणनीतिक साझेदार होने के साथ-साथ आसियान और भारत एक-दूसरे के साथ अपनी समुद्री सीमाओं को भी साझा करते हैं। 
5 – क्या बदल रहा है मुस्लिम राजनीति का रुख? ओवैसी की पार्टी की जीत ने दिए संकेत
Bihar Assembly Elections 2020 : एआईएमआईएम (AIMIM) की पांच सीटों पर जीत मुस्लिम राजनीति में बदलाव के संकेत दे रही है। मुस्लिम आबादी की बहुलता वाली इन सीटों पर मतदाताओं ने भाजपा को हराने वाले दल को वोट देने की बजाय मुस्लिमों की पार्टी को तरजीह दी है। चुनाव लोकसभा के हों या विधानसभा के लंबे समय से यह रुझान दिखा है कि मुस्लिम वोट (Muslim Vote) भाजपा के खिलाफ जाते हैं। राजनीतिक विश्लेषण बताते हैं कि मुस्लिमों के वोट उस दल को पड़ते हैं जो भाजपा के मुकाबले में मजबूती से खड़ा हो। लेकिन बिहार के सीमांचल में पांच सीटों पर यह सोच नहीं दिखी है। एआईएमआईएम जो उस क्षेत्र की जानी-पहचानी पार्टी भी नहीं है, उसने पांच सीटें जीतकर मुस्लिम राजनीति के परंपरागत रूप को तोड़ा है। क्या यह जीत इस बात का रुझान है कि मुस्लिम वोटर चाहते हैं कि मुस्लिमों की आवाज को उठाने वाली पार्टी को पहली प्राथमिकता दी जाए। भले ही उसकी सरकार बनाने में कोई हिस्सेदारी हो या नहीं। जहां तक एआईएमआईएम का प्रश्न है मुस्लिमों का एक बड़ा तबका ओवैसी की भाषा को पसंद करता है, इसलिए भी उन्हें इसका फायदा मिल सकता है।
 

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