1 – कोरोना वैक्सीन : अब फाइज़र के बाद मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन को मिली मंजूरी
हर दिन लगभग 3,000 मौतों से जूझने वाले अमेरिका ने फाइज़र के बाद मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन को भी मंजूरी दे दी है। अमेरिका के फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन के एक पैनल ने मॉडर्ना के कोरोना वायरस वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी है। अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि मॉडर्ना वैक्सीन का वितरण तत्काल प्रभाव से शुरू हो जाएगा। इससे पहले अमेरिका में पिछले दिनों फाइज़र द्वारा विकसित कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल को पिछले दिनों मंजूरी मिली थी और लोगों को टीके दिए जा रहे हैं। कम संख्या में उपलब्ध यह टीके ज्यादातर स्वास्थ्य कर्मियों को दिए जा रहे हैं। बता दें कि अमेरिका में अब तक कोरोना वायरस की वजह से 3 लाख 12 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई है।
2 – बंगाल दौरा : अमित शाह के स्वागत में शांतिनिकेतन में लगे पोस्टर पर बवाल
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय बंगाल दौरे पर हैं। यहां वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कई कार्यक्रमों और रोड शो में शिरकत करेंगे। अमित शाह के दौरे के बीच बंगाल की सियासत में एक नया बवाल शुरू हो गया है। बीरभूम जिले के बोलपुर और शांतिनिकेतन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीर रवींद्रनाथ टैगोर के ऊपर रखी गई, जिससे भगवा पार्टी पर आरोपों की बौछार शुरू हो गई। आपको बता दें कि अमित शाह रविवार को बोलपुर जाएंगे। यहां वह एक रोड शो में हिस्सा लेंगे और एक रैली को संबोधित करेंगे। वह एक लोक गायक के गांव में उनके घर में दोपहर का भोजन भी करेंगे। बता दें कि 9 दिसंबर को बीजेपी की बंगाल इकाई ने जेपी नड्डा के हवाले से कहा कि टैगोर का जन्मस्थान विश्व भारती है। भाजपा नेताओं ने स्थानीय लोगों के विरोध के बाद जल्दी से प्लेकार्ड्स को हटा दिया
3 – हल क्रांति : सरकार हल नहीं खोजेगी तो अब होगी ‘हल क्रांति’
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने किसानों से अगली ‘किसान क्रांति’ का हिस्सा बनने को कहा है। टिकैत ने चेतावनी दी है कि तीन नए कृषि बिलों पर जारी आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार कोई समाधान नहीं खोज पाती है तो किसान इस मुद्दे को सुलझाने के लिए अपना रास्ता खुद बनाने के लिए मजबूर होंगे। टिकैत यूपी गेट पर किसानों को संबोधित कर रहे थे, जहां पिछले 23 दिनों से किसान जमे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने कहा, अब या तो सरकार इस समस्य का कोई हल खोजे या फिर हमें हल क्रांति करने पर मजबूर होना पड़ेगा। यह क्रांति दिल्ली के दिल तक होकर जाएगी।’ किसानों को संबोधित करते हुए टिकैत ने देशभर के किसान यूनियनों से एकता दिखाते हुए दिल्ली के 4 बॉर्डरों (सिंघु, टिकरी, यूपी गेट और चिल्ला) पर जारी आंदोलन का हिस्सा बनने को कहा। टिकैत ने कहा, ‘हर किसान को अब अपने घर से निकलना चाहिए और अपने खेती के औजारों के साथ वे हमारे आंदोलन का हिस्सा बनें।
4 – नेशनल हाईवे : भारत में अब कम खर्चे में बनेंगे पर्यावरण अनुकूल नेशनल हाईवे
केंद्र सरकार ने ब्रिटिश व यूरोप तकनीक से देश में किफायती, मजबूत व पर्यावरण अनुकूल राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने की नीति पर मुहर लगा दी है। इसमें नई तकनीक, वैकल्पिक सामग्री और विदेशी कोड का इस्तेमाल किया जाएगा। खास बात यह है कि इस नई नीति से निर्माण कंपनी-ठेकेदार भले ही कम लागत में सड़क परियोजनाएं पूरी करते हैं, लेकिन सरकार को भुगतान पूरा करना होगा। सरकार ठेकेदार से परियोजनाए में बचाए गए पैसों की मांग नहीं कर सकती है। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 14 दिसंबर को राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण में नई वैकल्पिक सामग्री और नई तकनीक के प्रयोग करने संबंधी आदेश जारी कर दिए हैं। इसमें राजमार्ग निर्माण के इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) कोड-मानक के अलावा ब्रिटिश व यूरोप कोड के प्रयोग करने की इजाजत दी गई है। इस प्रकार के प्रस्ताव को मंजूर करने का अधिकार संबंधित क्षेत्रीय अधिकारी-चीफ इंजीनियर को होगा। इसके लिए कंपनी को सड़क परिवहन मंत्रालय के चक्कर नहीं काटने होंगे।
5 – बंगाल दौरे पर अमित शाह, आज ममता के कई विधायक थामेंगे BJP का दामन
केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के कद्दवार नेता अमित शाह अपने दो दिवसीय दौरे पर पश्चिम बंगाल पहुंच चुके हैं। आज उनकी रैली भी होने वाली है। अमित शाह अपने बंगाल दौरे के दौरान ममता बनर्जी को झटका देने वाले हैं। आज शाह की मौजूदगी में कई टीएमसी विधायक बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। उनमें शुभेंदु अधिकारी जैसा बड़ा नाम भी शामिल है। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले टीएमसी के कई विधायकों ने पार्टी और विधायकी से इस्तीफा देते हुए ममता बनर्जी को बड़ा झटका दिया है। सबसे अहम बात यह है कि ऐसे-ऐसे क्षेत्र के विधायक टीएमसी छोड़ बीजेपी का दामन थामने की तैयारी में हैं जहां-जहां बीजेपी की स्थिति लोकसभा चुनाव में कमजोर रही थी। बता दें कि तृणमूल कांग्रेस की विधायक बनश्री मैती ने शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। पिछले 48 घंटे में तृणमूल को यह चौथा झटका लगा है।