1 – JDU ने BJP पर बढ़ाया दबाव, बिहार चुनाव के नतीजों के बाद होगा फैसला
बिहार चुनाव : जेडीयू और लोजपा के बीच घमासान कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इन दोनों दलों के बीच भारतीय जनता पार्टी बीजेपी की उलझन भी लगातार बढ़ती जा रही है। जेडीयू ने अब भाजपा पर यह दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई सीट लोजपा को न दी जाए और मंत्रिमंडल में भी चिराग को शामिल न किया जाए। हालांकि भाजपा ने फिलहाल जेडीयू के इस तरह के दबाव पर चुप्पी साध रखी है। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के भीतर सीटों के बंटवारे पर विवाद के चलते लोजपा ने गठबंधन से बाहर जाकर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बता दें कि चिराग पासवान के तेवर नरम नहीं पड़े हैं और वह जेडीयू के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। ऐसे में भाजपा को गठबंधन में सहयोगी जेडीयू के दबाव में लोजपा के खिलाफ सख्ती बरतनी पड़ रही है। बीजेपी पूरे मामले को बिहार के विधानसभा चुनाव तक सीमित रखना चाहती है और नतीजे आने के बाद वह अपनी भावी रणनीति तय करेगी।
2 – मणिशंकर अय्यर की तरह शशि थरूर ने भी BJP को दे दिया मुद्दा
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष मशकूर उस्मानी को टिकट देने को लेकर भाजपा पहले ही आक्रामक है। ऐसे में प्रचार के दौरान कांग्रेस को भाजपा-जेडीयू से सवाल पूछने के बजाए अपने ऊपर लग रहे आरोपों से बचाव करने में ज्यादा वक्त देना पड़ सकता है। यह पहला मौका नहीं है, जब कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के बीच भाजपा को इस तरह के मुद्दे थमाएं हो। बता दें कि शशि थरूर ने पाकिस्तान के बुद्धिजीवियों के साथ चर्चा में कहा है कि भारत में मुसलमानों और उत्तर पूर्व के लोगों के साथ भेदभाव होता है। इस पर भाजपा आक्रामक है। चुनाव में भाजपा की ऐसे बयानों पर नजर रहती है। पांच साल पहले वर्ष 2015 के चुनाव में भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि महागठबंधन जीता तो पाकिस्तान में पटाखे छोड़े जाएंगे। पर उस वक्त जेडीयू के साथ होने से कांग्रेस-राजद की स्थिति मजबूत थी। पर अब स्थितियां बदली हुई हैं।
3 – U.S ELECTION 2020 : 22 अक्टूबर को फाइनल प्रेसिडेंशियल डिबेट, डोनाल्ड ट्रंप इस मुद्दे पर चाहते हैं बहस
3 नवबंर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव में विदेश नीति पर फाइनल प्रेसिडेंशियल डिबेट की मांग की है। बता दें कि अगला प्रेडसिडेंशियल डिबेट 22 अक्टूबर को है। इस सिलसिले में ट्रंप के प्रचार अभियान के प्रमुख बिल स्टेपियन ने एक पत्र लिखकर कहा की, ‘प्रचार की अखंडता और अमेरिकी नागरिकों की भलाई के लिए हम आप से 22 अक्टूबर को होने वाले अंतिम प्रेसिडेंशियल बहल को विदेश नीति पर कराने की अपील करते हैं।
4 – नए ठिकाने तलाश रहे हैं नक्सली, कई राज्यों की पुलिस अब मिलकर करेगी कार्रवाई
सूत्रों ने कहा राज्यों के बीच सहयोग लगातार बढ़ा है। समय और जरूरत के मुताबिक राज्य आपस मे रणनीति तय करके साझा अभियान चलाने पर राजी हैं। नक्सलियों की लगातार बदलती रणनीति के मुताबिक सुरक्षा बल भी अपनी रणनीति नए सिरे से तय करते हैं। बता दें कि एक राज्य से दूसरे राज्य में नक्सलियों का आवागमन रोकने के लिए छत्तीसगढ़ सहित चार राज्यों की पुलिस मिलकर अभियान तेज करेगी। इसके अलावा चार अन्य राज्यों से भी नक्सल, तस्करी सहित अन्य मुद्दों पर समन्वय बढ़ाया जाएगा। चार राज्यों ने नक्सलियों के खिलाफ साझा रणनीति को अमल में लाने के लिए पिछले दिनों उच्चस्तरीय बैठक की है। सुरक्षा बल से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि छतीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना और ओडिशा में पुलिस व सुरक्षा बल समन्वित रणनीति के साथ नक्सलियों के सफाए का अभियान चलाएंगे। ये राज्य नक्सल से जुड़ी हर सूचना भी आपस में साझा करेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, चारों राज्य हर महीने डीजीपी स्तर की बैठक में अभियान की समीक्षा करेंगे। सूत्रों ने कहा कि छतीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के नक्सलरोधी ऑपरेशन के बाद कई नक्सली भागकर नए इलाको में गए हैं। सुरक्षा बलों का मानना है कि इस समय नक्सली काफी कमजोर स्थिति में हैं। उनके इलाके लगातार सिमट रहे हैं। हमलों की उनकी मंशा भी ज्यादा कामयाब नही हो रही है।
5 – LAC विवाद : चीन से 8वें दौर की बातचीत के लिए सेना कर रही तैयारी
भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की आठवें दौर की बातचीत अगले सप्ताह हो सकती है। सेना प्रमुख शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर विमर्श कर रहे हैं। सेना चाहती है कि इस बार बातचीत निर्णायक हो और तनाव वाले क्षेत्रों से पीछे हटने का रास्ता निकले। बैठक इसी सप्ताह होने की संभावना है। सेना के सूत्रों ने कहा कि अभी तिथि तय नहीं हुई है, लेकिन इसी सप्ताह बातचीत होगी। पिछले दो बैठकों में सकारात्मक प्रगति हुई है, लेकिन हम चाहते हैं कि इसका असर जमीन पर भी दिखना चाहिए। चीनी सेना को विवाद वाले स्थानों से पीछे हटकर पूर्व की स्थिति बहाल करनी चाहिए। सेनाएं पीछे हटें एवं मई से पूर्व की स्थिति बहाल हो। हालांकि इस मामले में चीन का अडियल रुख चिंता पैदा करने वाला है, लेकिन लंबे समय तक गतिरोध को भारत कायम नहीं रहने देना चाहता है। क्योंकि इसका संदेश भी गलत जा रहा है। इसलिए भारत की कोशिश है कि इस बैठक में पीछे हटने का फॉर्मूला अमल में आ जाए।