1 – अमेरिकी विदेश मंत्री आएंगे भारत, राजनाथ सिंह और एस जयशंकर के साथ होगी महत्वपूर्ण बैठक
अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध किसी राजनीतिक दल से काफी बड़े हैं तथा दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच संबंधों को यहां दोनों दलों का समर्थन प्राप्त है। भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच अगले सप्ताग नई दिल्ली में तीसरी 2+2 मंत्री स्तरीय बैठक होने जा रही है। इसमें शामिल होने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और वहां के रक्षा प्रमुख माइक इस्पर अपने भारतीय समकक्षों एस जयशंकर और राजनाथ सिंह के साथ चर्चा के लिए 27 अक्टूबर को भारत आ रहे हैं। सचिव इस्पर ने यह भी पूछा, “यह भारतीयों के साथ हमारा दूसरा 2+2 बैठक है। संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के लिए तीसरी और बहुत महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है।” उन्होंने कहा, “यहां बहुत प्रतिभाशाली लोग हैं।” बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच यह तीसरी 2+2 बैठक होगी। 2019 में वाशिंगटन डीसी में यह चर्चा हुई थी।
2 – LAC : भारत ने चीन को उसका सैनिक लौटाया, LAC पार कर आ गया था लद्दाख
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उसका एक सिपाही रविवार रात को सीमा के पास से लापता हो गया। भारतीय सेना ने चीन को उसके सैनिक को लौटा दिया है, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पार कर लद्दाख आ गया था। कल रात चुशूल मोल्दो में बैठक स्थल पर चीनी सेना के कॉर्पोरल वांग हां लॉन्ग को चीनी सेना को सौंप दिया। आपको बता दें कि पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर जारी तनातनी के बीच भारतीय सेना ने एक चीनी सैनिक को पकड़ा था। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उसका एक सिपाही रविवार रात को सीमा के पास से लापता हो गया।
3 – कोरोना वैक्सीन : देश में पहले फेज में 30 मिलियन फ्रंट लाइन वर्कर्स को लगेगी वैक्सीन
देश में अभी कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध नहीं है और ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अगले साल के शुरुआत में वैक्सीन देश में उपलब्ध हो सकती है। और इस बीच सरकार भी कोरोना की वैक्सीनेशन (टीकाकरण) को लेकर पूरी तैयारी में दिख रही है। स्वास्थ्य मंत्रलाय के अधिकारियों की मानें तो देश में कोरोना वैक्सीन आने के बाद सबसे पहले किन-किन लोगों को दिया जाएगा, सरकार इसकी पूरी तैयारी कर चुकी है। पहले फेज में देश में सबसे पहले कोरोना वैक्सीन पाने वाले 3 करोड़ (30 मिलियन) लोग कौन होंगे, सरकार इसका खाका तैयार कर चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक, वैक्सीन उपलब्ध हो जाने पर सबसे पहले कोरोना से जंग लड़ने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स मसलन डॉक्टर्स, हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट, पुलिस और सैनिटेशन कर्मचारियों को दिया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वैक्सीन पाने वाले 30 मिलियन में 7 मिलियन डॉक्टर और पैरामेडिक्स शामिल हैं और 20 मिलियन अन्य फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को टीका दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारे पास कोल्ड चेन, शीशियां, सीरिंज और सब कुछ है।”
4 – पिछले साल वायु प्रदूषण ने ली 1.16 लाख नवजात की जान
नवजात शिशुओं को वायु प्रदूषण की भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया कि पिछले साल देश में 1.16 लाख नवजात शिशुओं की वायु प्रदूषण के चलते मौत हुई। बता दें कि बीते 10 सालों में घरेलू प्रदूषण के संपर्क में आने वालों की संख्या में पांच करोड़ की कमी आई है। इसकी मुख्य वजह स्वच्छ ईंधन का विस्तार होना है। मंगलवार को जारी स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर-2020 रिपोर्ट के अनुसार इन मौतों के लिए घरेलू एवं बाह्य दो किस्म का प्रदूषण जिम्मेदार है। एक, घर के बाहर हवा में पीएम 2.5 की ज्यादा मात्रा होना और दूसरे, घर में भोजन के लिए ठोस ईंधन का इस्तेमाल करना है। बता दें कि खाना पकाने के लिए ठोस ईंधन का इस्तेमाल हालांकि कुछ कम हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार नवजात शिशुओं का पहला महीना उनकी जिंदगी का सबसे जोखिम भरा होता है, मगर आईसीएमआर के हालिया अध्ययनों समेत विभिन्न देशों से प्राप्त वैज्ञानिक प्रमाण यह संकेत देते हैं कि गर्भावस्था के दौरान वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बच्चे का वजन कम होता है। देश में हर साल 16.70 लाख शिशुओं की मौतें होती हैं जिसमें एक बड़ा हिस्सा वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मौतों का है।
5 – कोविड वैक्सीन के निर्माण की तैयारी में चीनी कंपनी
दो संभावित कोरोना वायरस टीकों की एक बिलियन खुराक की आपूर्ति के लिए उत्पादन की तैयारी कर रही है एक राज्य संचालित दवा निर्माता कंपनी। इन टीकों का 10 देशों में 50,000 लोगों पर परीक्षण हो चुका है। कंपनी के चेयरमैन ने मंगलवार को यह बात कही। एक न्यूज कांफ्रेंस में चेयरमैन लियू जिंगजेन ने कहा कि सिनफार्मा ग्रुप द्वारा परीक्षण अंतिम दौर में है। हालांकि इस बात का उन्होंने कोई संकेत नहीं दिया कि इसके परिणाम कब तक आने की उम्मीद है। लियू ने कहा कि मिस्र, अर्जेंटीना, जॉर्डन और पेरू सहित अन्य देशों में चीन दो टीकों का परीक्षण कर रहा है। लियू के अनुसार मध्य चीन के शहर बीजिंग और वुहान में टीके के लिए ‘प्रोडक्शन लाइन’ तय की जा रही है। उत्पादन क्षमता अगले साल एक बिलियन खुराक तक पहुंच जाएगी, जिससे पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित होगी।