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रेलवे की संपत्ति से अतिक्रमण हटाने के लिए फरीदाबाद नगर निगम करे पूरा सहयोग, SC का सख्त निर्देश

देश की सर्वोच्च अदालत, उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को हरियाणा के फरीदाबाद नगर निगम के आयुक्त और अन्य अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि रेलवे की संपत्ति से अतिक्रमण हटाने के लिए पारित आदेश के क्रियान्वयन में रेलवे को ‘‘पूरा सहयोग’’ दिया जाए।

देश की सर्वोच्च अदालत, उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को हरियाणा के फरीदाबाद नगर निगम के आयुक्त और अन्य अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि रेलवे की संपत्ति से अतिक्रमण हटाने के लिए पारित आदेश के क्रियान्वयन में रेलवे को ‘‘पूरा सहयोग’’ दिया जाए।  
फरीदाबाद क्षेत्र में लगभग 600 व्यक्तियों ने अतिक्रमण किया है 
शीर्ष अदालत ने यह आदेश तब पारित किया जब रेलवे ने कहा कि फरीदाबाद क्षेत्र में लगभग 600 व्यक्तियों ने अतिक्रमण किया है और हालांकि उन्होंने सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम के तहत बेदखली के आदेश पारित किए हैं, स्थानीय प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा है। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति ए एस ओका की एक पीठ ने कहा, ‘‘हम फरीदाबाद नगर निगम के आयुक्त, पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं कि रेल अधिकारियों को पूरा सहयोग दिया जाए, जो अनधिकृत संरचनाओं को जल्द से जल्द हटाने के लिए पारित आदेशों को निष्पादित करना चाहते हैं।’’  
लेकिन स्थानीय प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा है 
वहीं, रेलवे की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) के एम नटराज ने पीठ को बताया कि सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम के तहत औपचारिक आदेश रेलवे संपत्ति पर अतिक्रमण के संबंध में पारित किए गए हैं, लेकिन स्थानीय अधिकारियों द्वारा सहयोग नहीं किये जाने के चलते इसके निष्पादन में देरी हो रही है। नटराज ने पीठ को बताया, ‘‘फरीदाबाद इलाके में करीब 600 लोगों का अतिक्रमण है। हमने बेदखली के आदेश जारी कर दिए हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा है। स्थानीय प्रशासन के सहयोग के बिना, हम इसे निष्पादित करने में असमर्थ हैं।’’  
एएसजी ने कहा कि स्थानीय प्रशासन को सहयोग करना होगा 
एएसजी ने कहा कि स्थानीय प्रशासन को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त करके सहयोग करना होगा और आदेश के निष्पादन के लिए पुलिस सहायता देनी होगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत कब्जाधारियों की बेदखली) अधिनियम के तहत आदेश पारित कर दिए गए हैं और मामला इसके क्रियान्वयन का है। पीठ ने कहा कि रेलवे के अनुसार, स्थानीय अधिकारियों, निगम, जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा असहयोग के कारण निष्पादन में देरी हो रही है।  
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 11 अप्रैल तय की है 
शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 11 अप्रैल तय करते हुए कहा कि उसके आदेश की प्रति नगर निगम के आयुक्त, जिला कलेक्टर और फरीदाबाद के पुलिस अधीक्षक को सूचना और आवश्यक कार्रवाई के लिए तत्काल भेजी जाए। शीर्ष अदालत दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिसमें गुजरात और हरियाणा में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने से जुड़े मुद्दे उठाए गए हैं। हरियाणा मामले में दायर याचिका फरीदाबाद में रेल पटरी के पास ‘झुग्गियों’ को तोड़े जाने से संबंधित है। 
सोमवार को सुनवाई के दौरान एएसजी ने पीठ को बताया कि उन्होंने एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है जिसमें रेलवे की संपत्ति से अतिक्रमण हटाने की प्रगति और विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों में उठाए गए कदमों का विवरण दिया गया है। पीठ ने अपनी रजिस्ट्री को सुनवाई की अगली तारीख पर पेपर बुक के साथ स्थिति रिपोर्ट प्रसारित करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, ‘‘हम उस रिपोर्ट को देखना चाहते हैं।’’

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