दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाव के लिए ट्रेनों के कोच को आइसोलेशन वार्ड के रूप में तब्दील करने की तैयार की जा सकती हैं। ताकि आपातकालीन स्थिति में अगर आइसोलेशन वार्ड की जरूरत पड़े तो इन कोचों का इस्तेमाल किया जा सके।
इसके लिए सभी खाली रैक की स्थिति देखी जा रही है। अगर इस तरह की तैयारियां होती हैं तो वाराणसी मंडल में मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की 18 खाली रेक जहां-तहां स्टेशनों के शंटिंग लाइन व प्लेटफार्म पर खड़ी हैं, उनका इस्तेमाल किया जा सकता है। खास यह कि ट्रेनें आबादी से दूर भी खड़ी की जा सकेंगी। इससे संक्रमण का खतरा नहीं बनेगा।
पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के पीआरओ अशोक कुमार और कैंट स्टेशन निदेशक आनंद मोहन ने बताया कि इस तरह का निर्देश जारी होता है तो तत्काल इन्हें तैयार कराया जाएगा। प्रशासन ने सेफटी कैटेगरी और रनिंग स्टाफ के लिए अनिवार्य मेडिकल परीक्षण का विस्तार किया है।
तमाम स्टाफ का परीक्षण भी किया गया है। ताकि रेलवे की चिकित्सा सुविधाएं कोरोना के खिलाफ लड़ने के लिए उपलब्ध रहे। रायबरेली और चेन्नई में कोच बनाने वाले रेल कारखानों को निर्देशित किया गया है कि इस तरह के कोच बनाएं, जिन्हें आइसोलेशन वार्ड के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके।