सोशलिस्ट पार्टी ने राष्ट्रीय धरोहर लाल किले को रखरखाव के लिए डालमिया घराने को सौंपने के केन्द्र सरकार के फैसले का विरोध करते हुए इसे ‘‘राष्ट्रीय अपराध’’ बताया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम सिंह ने आज कहा कि देश की ऐतिहासिक विरासत से जुड़ी धरोहरें बेशकीमती राष्ट्रीय संपत्ति हैं, इसलिये इन्हें निजी हाथों में सौंपना अनुचित है। उन्होंने दलील दी कि जल, जंगल और जमीन जैसे प्राकृतिक संसाधनों के बाद शिक्षा, स्वास्थ्य, और रेलवे आदि सार्वजनिक सेवाओं को निजी क्षेत्र को सौंपना सरकारों द्वारा जनता के प्रति अपनी जवाबदेही से मुक्त होने का प्रयास है।
सिंह ने राष्ट्रीय धरोहरों को निजी क्षेत्र को सौंपने के फैसले का पुरजोर विरोध नहीं होने पर विपक्षी दलों की भूमिका को भी सवालों के घेरे में लिया। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच निजीकरण को लेकर परोक्ष सहमति बन गयी है। इसीलिये राष्ट्रीय संपत्तियों और धरोहरों को ‘‘बेचने’’ पर सभी विपक्षी दल खोखली बयानबाजी कर चुप बैठ जाते हैं।
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