आज राज्यसभा में तीन तलाक बिल पेश होना है। बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में पेश होने को कहा है। लोकसभा में यह बिल पहले ही पास हो चूका है। लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते और राज्यसभा में एनडीए सरकार को बहुमत नहीं होने के कारण यह बिल अभी तक अटका हुआ है। आज बीजेपी राज्यसभा में अपना पूरा जोर इस बिल को पास कराने में लगाएगी।
25 जुलाई को लोकसभा में तीन तलाक विधेयक पर विचार कर इसे पारित करने के लिए पेश करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लैंगिक न्याय के लिए तीन तलाक विधेयक को जरूरी बताया था। इस विधेयक में तीन तलाक के मामलों में पति को तीन साल जेल की सजा का प्रावधान रखा गया है।
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उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के 2०17 के फैसले का हवाला देते हुए कहा था कि तीन तलाक जैसे गैरकानूनी मामलों पर रोक लगाने के लिए कोर्ट ने संसद से इस मुद्दे पर एक कानून लाने के लिए कहा था। इस बिल में तुरंत तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को रद्द और गैर कानूनी बनाने का प्रावधान किया गया है।
तीन तलाक को संज्ञेय अपराध मानने का प्रावधान, यानी पुलिस बिना वारंट गिरफ़्तार कर सकती है। तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। हालांकि इस मामले में आरोपी को जमानत मिल सकती है, लेकिन जमानत तभी दी जाएगी, जब पीड़ित महिला का पक्ष सुना जाएगा। पीड़ित महिला के अनुरोध पर मजिस्ट्रेट समझौते की अनुमति दे सकता है। बिल में पीड़ित महिला पति से गुज़ारा भत्ते का दावा कर सकती है।