अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच ‘‘मध्यस्थता’’ की सोमवार को पेशकश की।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से व्हाइट हाउस में ट्रंप से पहली बार मुलाकात की जहां दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर चर्चा की। ट्रंप ने कहा कि यदि दोनों देश कहेंगे तो वह मदद के लिए तैयार हैं।
ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रधानमंत्री खान के साथ अपनी बैठक के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यदि मैं मदद कर सकता हूं, तो मैं एक मध्यस्थ होना पसंद करूंगा। अगर मैं मदद करने के लिए कुछ भी कर सकता हूं, तो मुझे बताएं।’’
इमरान की बात पर जवाब देते हुए ट्रंप ने आगे कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी से दो हफ्ते पहले मिला था और हमने इस मुद्दे पर बात की थी।
उन्होंने कहा कि आप मध्यस्थता करेंगे। मैंने कहा किस पर तो उन्होंने कहा कि कश्मीर, उन्होंने कहा बहुत सालों से ये विवाद चल रहा है। वो मुद्दों का हल चाहते हैं और आप भी इसका हल चाहते हैं। मैंने कहा कि मुझे इस मुद्दे में मध्यस्थता करके खुशी होगी। दो बेजोड़ देशों के लिए जिनके जबरदस्त नेता हैं। इस समस्या का हल खोजना असंभव नहीं है।
व्हाइट हाउस की ओर से जारी किया बयान
वही, व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कश्मीर का जिक्र नहीं है। व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हम शांति, स्थिरता और आर्थिक समृद्धि के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना चाहते हैं। ट्रंप ने कहा कि क्षेत्रीय सुरक्षा में सुधार और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान ने शुरुआती कदम उठाए हैं। पाकिस्तान सभी आतंकी समूहों को बंद करने के लिए कार्रवाई करें।
विदेश मंत्रालय ने सिरे से किया खारिज !
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘‘हमने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा प्रेस को दिये उस बयान का देखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि यदि भारत और पाकिस्तान अनुरोध करते हैं तो वह कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया है।’’
उन्होंने कहा कि भारत का लगातार यही रुख रहा है कि पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों पर केवल द्विपक्षीय चर्चा की जाये।
कुमार ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के साथ किसी भी बातचीत के लिए सीमापार आतंकवाद पर रोक जरूरी होगी। भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से समाधान के लिए शिमला समझौता और लाहौर घोषणापत्र का अनुपालन आधार होगा।’’
कश्मीर मुद्दा भारत-पाक के बीच का द्विपक्षीय मसला
आपको बता दे कि भारत का स्पष्ट मानना है कि कश्मीर मुद्दा भारत-पाक के बीच का द्विपक्षीय मसला है और किसी तीसरे पक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं है। बता दें कि जनवरी, 2016 में पठानकोट में भारतीय वायु सेना अड्डे पर आतंकी हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत बंद कर दी थी।