देश के बहुचर्चित ट्रिपल तलाक बिल बुधवार को संसद के उच्च सदन राज्यसभा में पेश हुआ। केंद्र सरकार राज्यसभा में एक बार फिर गुरुवार को तीन तलाक बिल को पास कराने की कोशिश कर सकती है। हालांकि इस में सफलता मिलने की उम्मीद बहुत कम है। राज्यसभा में सरकार के पास संख्या है नहीं और विपक्ष अपने इस रुख पर कायम है कि जो बिल सरकार पास कराना चाहती है उसमें तमाम खामियां हैं और उसको सलेक्ट कमेटी के पास भेजी जाने की सख्त जरूरत है।
दरअसल बुधवार को राज्यसभा में बिल पास करा पाने में असफल होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अप्रत्यक्ष तरीके से ट्रिपल तलाक बिल का विरोध कर रही है। वो चाहते तो इस पर कोई सुझाव दे सकते थे, लेकिन वो सिर्फ इसको टालने की कोशिश में लगे हैं। उन्होंने कहा कि आज संसद के लिए एक सुनहरा मौका था कि सालों से मुस्लिम महिलाओं पर जो अन्याय हो रहा है उसे ठीक किया जाए। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उसे नहीं होने दिया।
देश के लोगों की जो इच्छा है वह हो कर रहेगी। जेटली की बातों से यह बात साफ था कि सरकार गुरुवार को फिर से इस बिल को पास कराने की कोशिश कर सकती है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कहा कि आज लोगों ने देख लिया है कि कौन लोग मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिलने के रास्ते में रोड़े अटका रहे हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार अपनी तरफ से इस बिल को जल्द से जल्द पास कराने के लिए पूरी ताकत लगाएगी। सरकार के पास इस बिल को पास कराने के लिए सिर्फ 2 दिनों का समय है। शीतकालीन सत्र 5 जनवरी को खत्म हो रहा है। उससे पहले सरकार को जरूरी जीएसटी संशोधन बिल भी पास कराना है, जो लोकसभा में पास हो चुका है।
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