सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने शुक्रवार को अपने अभियान में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मवेशियों की कथित तस्करी करने के आरोप में दो बांग्लादेशियों समेत तीन लोगों को मार गिराया। यह जानकारी पुलिस की ओर से दी गई है। हालांकि ‘बीएसएफ’ ने कहा कि कूचबिहार जिले के सिताई में शुक्रवार तड़के बांग्लादेशियों ने मवेशियों की तस्करी करने से रोके जाने पर बल के गश्ती दल पर हमला कर दिया था, जिस पर जवानों ने कार्रवाई की और दो बांग्लादेशी मारे गये। तीसरे व्यक्ति की मौत पर कोई स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है। उन्होंने बताया कि, इस दौरान उनका एक जवान भी घायल हो गया और उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने उठाए सवाल
‘बीएसएफ’ की इस कार्रवाई के बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गयी है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने ‘बीएसएफ’ पर केंद्र द्वारा क्षेत्राधिकार 50 किलोमीटर तक बढ़ाये जाने के बाद भय का राज कायम करने का आरोप लगाया है। सत्तारूढ़ दल ने कहा कि, वह केंद्र सरकार के इस फैसले के विरूद्ध अगले सप्ताह विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी। कूचबिहार के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने मीडिया को बताया कि, इस घटना में तीन लोग मारे गये है, जिसमें दो संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक हैं और तीसरा भारतीय है तथा इसी क्षेत्र का निवासी है। प्राथमिक जांच के अनुसार तीनों इसी घटना में मारे गये है। उन्होंने बताया कि, अभियान के दौरान मारे गये भारतीय नागरिक की पहचान प्रकाश बर्मन के रूप में हुई है और उसका शव सीमा से 700 मीटर दूर मिला।
हमला होने के बाद बीएसएफ कर्मी और क्या करते ? : भाजपा
तृणमूल नेता उदयन गुहा ने दावा किया कि बल लोगों का ‘उत्पीड़न’ कर रहा है। वरिष्ठ तृणमूल नेता ने कहा, केंद्र को बीएसएफ को नियंत्रित करना चाहिए, अन्यथा भयावह चीजें घटित होने का बाट जोह रही हैं। बीएसएफ किसी भी परिस्थिति में किसी की जान लेने के लिए नहीं है। एक भारतीय की हत्या उस प्रकार के उत्पीड़न को साबित करती है जो वे सीमावर्ती क्षेत्रों में करते हैं। इसलिए हम बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ाने के खिलाफ हैं। उधर, विपक्षी भाजपा ने सवाल किया कि घातक हथियारों से हमला होने के बाद बीएसएफ कर्मी और क्या कर सकते थे।
हमारी कार्रवाई में सिर्फ दो तस्कर ही मारे गए है : बीएसएफ अधिकारी
बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक ‘वाई बी खुरानिया’ ने दावा किया कि, बस दो बांग्लादेशी ही इस घटना में मारे गये। उन्होंने कहा, हमारी रिपोर्ट एवं प्राथमिक जांच के अनुसार बस दो व्यक्ति, जो बांग्लादेशी हैं, मारे गये हैं। हमने सुना है कि एक और व्यक्ति का शव मिला है, लेकिन उसके शरीर पर गोली के निशान नहीं हैं। यह शव सीमा से करीब एक किलोमीटर दूर मिला। उस परिस्थिति के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है जिसमें उसकी मौत हुई।
रात में तस्करी का प्रयास करते है तस्कर
अधिकारी खुरानिया ने कहा, रात करीब दो बजे सीमा के दोनों ओर करीब 60 लोग जमा हुए थे। उन्होंने कंटीले तार के उपर से बांस के विशेष औजार के जरिए मवेशी की तस्करी की कोशिश की। जब बीएसएफ के एक गश्ती दल ने उन्हें रोका तब उन पर पत्थर, लोहे की छड़ एवं लाठियों से हमला कर दिया गया। उन्होंने बताया कि, ‘बीएसएफ’ जवानों ने बदमाशों को रोकने के लिए ऐसे हथियारों का इस्तेमाल किया, जो जानलेवा नहीं थे लेकिन वे नहीं माने। खुरानिया ने कहा, दो बीएसएफ कांस्टेबल घिर गये और उन्हें बुरी तरह चोट लगी। तब उन्होंने अपनी जान को खतरा भांपते हुए गोलियां चलाईं। उन्होंने हवा में कुछ गोलियां चलायीं। बाद में यह पाया गया कि गोलीबारी में सीमापार दो की मौत हो गयी।
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने उठाए सवाल
‘बीएसएफ’ की इस कार्रवाई के बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गयी है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने ‘बीएसएफ’ पर केंद्र द्वारा क्षेत्राधिकार 50 किलोमीटर तक बढ़ाये जाने के बाद भय का राज कायम करने का आरोप लगाया है। सत्तारूढ़ दल ने कहा कि, वह केंद्र सरकार के इस फैसले के विरूद्ध अगले सप्ताह विधानसभा में प्रस्ताव लाएगी। कूचबिहार के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने मीडिया को बताया कि, इस घटना में तीन लोग मारे गये है, जिसमें दो संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक हैं और तीसरा भारतीय है तथा इसी क्षेत्र का निवासी है। प्राथमिक जांच के अनुसार तीनों इसी घटना में मारे गये है। उन्होंने बताया कि, अभियान के दौरान मारे गये भारतीय नागरिक की पहचान प्रकाश बर्मन के रूप में हुई है और उसका शव सीमा से 700 मीटर दूर मिला।
हमला होने के बाद बीएसएफ कर्मी और क्या करते ? : भाजपा
तृणमूल नेता उदयन गुहा ने दावा किया कि बल लोगों का ‘उत्पीड़न’ कर रहा है। वरिष्ठ तृणमूल नेता ने कहा, केंद्र को बीएसएफ को नियंत्रित करना चाहिए, अन्यथा भयावह चीजें घटित होने का बाट जोह रही हैं। बीएसएफ किसी भी परिस्थिति में किसी की जान लेने के लिए नहीं है। एक भारतीय की हत्या उस प्रकार के उत्पीड़न को साबित करती है जो वे सीमावर्ती क्षेत्रों में करते हैं। इसलिए हम बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ाने के खिलाफ हैं। उधर, विपक्षी भाजपा ने सवाल किया कि घातक हथियारों से हमला होने के बाद बीएसएफ कर्मी और क्या कर सकते थे।
हमारी कार्रवाई में सिर्फ दो तस्कर ही मारे गए है : बीएसएफ अधिकारी
बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक ‘वाई बी खुरानिया’ ने दावा किया कि, बस दो बांग्लादेशी ही इस घटना में मारे गये। उन्होंने कहा, हमारी रिपोर्ट एवं प्राथमिक जांच के अनुसार बस दो व्यक्ति, जो बांग्लादेशी हैं, मारे गये हैं। हमने सुना है कि एक और व्यक्ति का शव मिला है, लेकिन उसके शरीर पर गोली के निशान नहीं हैं। यह शव सीमा से करीब एक किलोमीटर दूर मिला। उस परिस्थिति के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है जिसमें उसकी मौत हुई।
रात में तस्करी का प्रयास करते है तस्कर
अधिकारी खुरानिया ने कहा, रात करीब दो बजे सीमा के दोनों ओर करीब 60 लोग जमा हुए थे। उन्होंने कंटीले तार के उपर से बांस के विशेष औजार के जरिए मवेशी की तस्करी की कोशिश की। जब बीएसएफ के एक गश्ती दल ने उन्हें रोका तब उन पर पत्थर, लोहे की छड़ एवं लाठियों से हमला कर दिया गया। उन्होंने बताया कि, ‘बीएसएफ’ जवानों ने बदमाशों को रोकने के लिए ऐसे हथियारों का इस्तेमाल किया, जो जानलेवा नहीं थे लेकिन वे नहीं माने। खुरानिया ने कहा, दो बीएसएफ कांस्टेबल घिर गये और उन्हें बुरी तरह चोट लगी। तब उन्होंने अपनी जान को खतरा भांपते हुए गोलियां चलाईं। उन्होंने हवा में कुछ गोलियां चलायीं। बाद में यह पाया गया कि गोलीबारी में सीमापार दो की मौत हो गयी।