भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक आज शुरू हो गई जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्थव्यवस्था की स्थिति और अपनी सरकार के आर्थिक एवं राजनीतिक एजेंडे का खाका पेश कर सकते हैं जिसके इर्द गिर्द पार्टी अगले लोकसभा चुनाव की रणनीति का तानाबाना बुनेगी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के अभी डेढ़ साल शेष बचे हैं लेकिन भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है लिहाजा उसने सभी सांसदों, अपने शासन वालों राज्यों के मुख्यमंत्रियों, सभी विधायकों एवं पार्षदों और प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों समेत 2000 नेताओं को इसमें शामिल होने के लिये बुलाया है।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि 25 सितंबर को बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन खास होगा जो कुछ राज्यों में आसन्न चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव की दिशा तय करेंगे। आज पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह 25 सितंबर को पेश होने वाले प्रस्तावों एवं अन्य विषयों के बारे में चर्चा करेंगे और इसे अंतिम रूप देंगे। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया जायेगा जिसमें रोहिंज्ञा मुसलमानों के मुद्दे को शामिल किये जाने की संभावना है। राजनीतिक प्रस्ताव तैयार करने का जिम्मा राम माधव और विनय सहस्रबुद्धे को सौंपा गया है। इसके अलावा एक आर्थिक प्रस्ताव भी पेश किया जा सकता है जिसमें वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से आए आर्थिक बदलाव, नोटबंदी के कारण बदली परिस्थितियों का जिक्र हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि रोहिंग्या मुसलमानों के मुद्दे पर सरकार के रूख की कुछ विपक्षी दलों समेत एक वर्ग आलोचना कर रहा है। दूसरी ओर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और नोटबंदी के मुद्दे पर भी सरकार को कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री मोदी कल अपने संबोधन के दौरान सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं एवं अन्य नीतिगत निर्णयों को रेखांकित कर सकते हैं। कार्यक्रम आयोजन के लिये दिल्ली प्रदेश में समन्वय करने की जिम्मेदारी कैलाश विजयवर्गीय को सौंपी गई है। भाजपा की विस्तारित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यह बैठक दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती समारोह के समापन के अवसर पर आयोजित की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी प्रस्तावों में इस बात को रेखांकित किये जाने की संभावना है कि राजग सरकार का कार्यकाल आर्थिक दृष्टि से संप्रग सरकार के कार्यकाल से बेहतर रहा है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी लगातार अलग-अलग राज्यों का दौरा कर पार्टी कार्यकर्ताओं में नई रूर्जा का संचार करने का प्रयास कर रहे हैं। भाजपा पिछले एक साल से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष मना रही है जिसकी योजना पिछले साल केरल के कोझिकोड में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के दौरान तय हुई थी।
बैठक में पार्टी के सभी 281 लोकसभा सदस्य, राज्यसभा के 57 सदस्य, 1400 विधायक और विधान पार्षद, कोर ग्रुप के सदस्य और प्रदेश इकाइयों के अध्यक्ष एवं महामंत्री शामिल होंगे। राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में आमतौर पर स्थायी और विशेष आमंत्रित सदस्यों समेत 200 से कम सदस्य हिस्सा लेते हैं। इस बार इसमें हिस्सा लेने वालों की संख्या 2000 के आसपास होगी। पिछले एक साल में भाजपा ने एक प्रयोग करते हुए पार्टी के विस्तार के लिए पूर्णकालिक सदस्यों को खास जिम्मेदारी सौंपी है। दीनदयाल विस्तारक योजना के तहत भाजपा देश भर में अपने इन पूर्णकालिक सदस्यों की सेवा ले रही है। उन स्थानों पर पूर्णकालिक सदस्यों को ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है जहां पार्टी कमजोर है। इनमें कुछ पूर्णकालिक सदस्यों ने 15 दिन के लिए, कुछ छह महीने के लिए तो कुछ ने एक साल तक पार्टी के लिए काम किया है ।
माना जा रहा है कि पहली बार संघ से प्रेरणा लेकर भाजपा के पूर्णकालिक सदस्यों की अवधारणा को पार्टी के भीतर भी लागू किया गया है । पिछले एक साल में इस प्रयोग से मिल रही सफलता से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह बेहद उत्साहित हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी दीनदयाल विस्तारक परियोजना की सफलता से उत्साहित होकर इसे और आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है । इसके अलावा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले एक साल में पूरे देश में अलग-अलग राज्यों का दौरा किया है। इस दौरान अमित शाह पार्टी की सरकार और संगठन के काम-काज का आकलन करने के अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं तथा प्रबुद्ध वर्ग के लोगों से भी संवाद कर रहे हैं।