नोटबंदी को लेकर कोटक महिंद्रा बैंक के एक्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन और एमडी उदय कोटक ने कहा कि बेहतर योजना के साथ इसे अंजाम दिया गया होता तो इसके परिणाम कुछ अलग तरह के हो सकते थे। उदय कोटक ने कहा कि छोटी फर्में इस समय मुश्किलों का सामना कर रही हैं। हालांकि, उन्होंने सरकार द्वारा इस क्षेत्र पर ध्यान देने का स्वागत किया।
नोटबंदी पर उन्होंने कहा कि यदि इसकी बेहतर तरीके से योजना बनाई जाती तो इसका नतीजा कुछ और होता। उदय कोटक ने पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सु्ब्रमण्यम की पुस्तक के विमोचन के मौके पर सप्ताहांत कहा, ‘मुझे लगता है कि यदि हम कुछ चीजों पर सोचा होता, तो इसका नतीजा उल्लेखनीय रूप से बेहतर होता।
यदि आप 500 और 1,000 का नोट बंद कर रहे हैं, तो 2,000 का नोट शुरू करने की क्या जरूरत थी?’ उदय कोटक ने कहा कि क्रियान्वयन रणनीति के तहत यह सुनिश्चित करना जरूरी था कि सही मूल्य के नोट बड़ी संख्या में उपलब्ध कराए जाते। उदय कोटक ने कहा कि यदि ये सब चीजें की गई होतीं तो आज हम कुछ अलग तरीके से बात कर रहे होते।
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हालांकि, कोटक ने दावा किया कि नोटबंदी वित्तीय क्षेत्र के लिए वरदान साबित हुई। उन्होंने कहा कि वित्तीय बचत में वृद्धि अविश्वसनीय है। इससे जोखिम प्रबंधन की चुनौती भी खड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि यह पहेली इस बात से पैदा होती है कि क्यों यह कदम राजनीतिक रूप से सफल रहा और जीडीपी पर इसका मामूली असर पड़ा। उदय कोटक ने सवाल उठाया कि क्या जीडीपी की गणना सही तरीके से हो रही है या फिर इससे अर्थव्यवस्था की ताकत का पता चलता है।