ब्रिटेन के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम से भारत के साथ चल रही एफटीए वार्ता के प्रभावित होने के कोई संकेत नहीं हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह बात कही।ब्रिटेन में सरकार को हिलाने वाले कई मामलों के मद्देनजर सहयोगियों का साथ छोड़ने के बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस महीने की शुरुआत में अपने पद से इस्तीफे दे दिया था।
हालांकि, नया नेता चुनने की प्रक्रिया पूरी होने तक जॉनसन 10 डाउनिंग स्ट्रीट के प्रभारी बने रहेंगे।दोनों देशों ने जनवरी में औपचारिक रूप से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए बातचीत शुरू की थी।
अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव के संबंध में सरकार में निरंतरता
गोयल ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘यह (ब्रिटेन में राजनीतिक घटनाक्रम) हाल ही में हुआ है, और हमें ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं। चूंकि कंजर्वेटिव पार्टी अभी भी सरकार में रहने वाली है और आम तौर पर अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव के संबंध में सरकार में निरंतरता रहती है। इसलिए, मुझे तत्काल कोई समस्या नहीं दिख रही है और न ही मैंने ऐसी कोई वजह सुनी है, जो भारत और ब्रिटेन के बीच मजबूत द्विपक्षीय साझेदारी को प्रभावित कर सकती है।’’
दोनों पक्ष प्रस्तावित समझौते के कई पहलुओं पर सहमत
वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के इस्तीफे से भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते के लिए चल रही बातचीत प्रभावित होगी।उन्होंने कहा कि बातचीत उन्नत चरण में है, और दोनों पक्ष प्रस्तावित समझौते के कई पहलुओं पर सहमत हुए हैं।दीवाली तक वार्ता पूरी होने की समयसीमा के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि एफटीए वार्ता बहुत जटिल विषय है और इसमें विभिन्न पहलुओं का बेहद सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस चुनौतीपूर्ण समयसीमा में इसे पूरा करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करेंगे।’’प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके समकक्ष जॉनसन ने अप्रैल में एफटीए वार्ता को पूरा करने के लिए दिवाली की समयसीमा तय की थी। इस साल दिवाली 24 अक्टूबर को है।