देश की मेडिकल रेग्यूलेटरी बॉडी नेशनल मेडिकल कमीशन ने शुक्रवार को एक सर्कुलर जारी कर विदेशी मेडिकल ग्रेजुएट्स को बड़ी राहत दी है। राष्ट्रीय मेडिकल आयोग (एनएमसी) ने कहा है कि विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई करने गये जिन छात्रों की इंटर्नशिप पूरी नहीं हो पायी है, वे अब भारत में अपनी इंटर्नशिप पूरी कर सकते हैं। हालांकि, एनएमसी ने यह स्पष्ट किया है कि छात्रों को भारत में अपनी इंटर्नशिप पूरी करने का आवेदन देने से पहले फॉरेन मेडिकल ग्रैजुएट एग्जाम (एफएमजीई) में पास होना होगा।
इंटर्नशिप या अपने इंटर्नशिप की शेष अवधि को यहां पूरा कर सकते
एफएमजीई परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा साल में दो बार आयोजित की जाती है। विदेशों से मेडिकल की पढ़ाई करके आने वाले भारतीय छात्रों को भारत में पंजीकरण कराने के लिये पहले एफएमजीई परीक्षा पास करनी पड़ती है। इस परीक्षा को पास करने के लिये तीन मौके दिये जाते हैं। एफएमजीई की परीक्षा पास करने के बाद छात्र भारत में 12 माह की इंटर्नशिप या अपने इंटर्नशिप की शेष अवधि को यहां पूरा कर सकते हैं।
एनएमसी ने कहा है कि कोरोना महामारी और यूक्रेन की स्थिति के कारण कई मेडिकल छात्र अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं कर पाये हैं। इन छात्रों की तकलीफों और तनाव को देखते हुये भारत में अपनी शेष इंटर्नशिप पूरी करने की अनुमति देने का इनका आवेदन बिल्कुल सही है।
भारतीय छात्र एफएमजीई परीक्षा को देने के योग्य होते
आयोग जल्द ही इस विषय में राज्य मेडिकल परिषदें को निर्देश जारी करेगा। गौरतलब है कि सिर्फ वही भारतीय छात्र एफएमजीई परीक्षा को देने के योग्य होते हैं जिन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी की जाने वाली मेडिकल स्कूलों की सूची में दर्ज विदेशी मेडिकल संस्थान से पढ़ाई की हो। यूक्रेन के 34 मेडिकल संस्थानों का नाम इस सूची में शामिल है।
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने भी छात्रों की मदद करने की वकालत की
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह युद्ध प्रभावित यूक्रेन से लौट रहे विद्यार्थियों को देश के मेडिकल कॉलेजों में समायोजित किया जाए। उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया कि एक परीक्षा लेने के बाद देश के मेडिकल कॉलेज में इन विद्यार्थियों को दाखिला लेने की अनुमति दी जाए। मंत्री ने कहा कि इस तरह की परीक्षा पास करने वाले छात्रों को समाहित करने के लिए मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त सीट सृजित की जा सकती हैं। सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर यूक्रेन में पढ़ने वाले मेडिकल छात्रों की भारत वापसी के बाद आगे की शिक्षा पर चिंता जताई है।
इंटर्नशिप या अपने इंटर्नशिप की शेष अवधि को यहां पूरा कर सकते
एफएमजीई परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा साल में दो बार आयोजित की जाती है। विदेशों से मेडिकल की पढ़ाई करके आने वाले भारतीय छात्रों को भारत में पंजीकरण कराने के लिये पहले एफएमजीई परीक्षा पास करनी पड़ती है। इस परीक्षा को पास करने के लिये तीन मौके दिये जाते हैं। एफएमजीई की परीक्षा पास करने के बाद छात्र भारत में 12 माह की इंटर्नशिप या अपने इंटर्नशिप की शेष अवधि को यहां पूरा कर सकते हैं।
एनएमसी ने कहा है कि कोरोना महामारी और यूक्रेन की स्थिति के कारण कई मेडिकल छात्र अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं कर पाये हैं। इन छात्रों की तकलीफों और तनाव को देखते हुये भारत में अपनी शेष इंटर्नशिप पूरी करने की अनुमति देने का इनका आवेदन बिल्कुल सही है।
भारतीय छात्र एफएमजीई परीक्षा को देने के योग्य होते
आयोग जल्द ही इस विषय में राज्य मेडिकल परिषदें को निर्देश जारी करेगा। गौरतलब है कि सिर्फ वही भारतीय छात्र एफएमजीई परीक्षा को देने के योग्य होते हैं जिन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी की जाने वाली मेडिकल स्कूलों की सूची में दर्ज विदेशी मेडिकल संस्थान से पढ़ाई की हो। यूक्रेन के 34 मेडिकल संस्थानों का नाम इस सूची में शामिल है।
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने भी छात्रों की मदद करने की वकालत की
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह युद्ध प्रभावित यूक्रेन से लौट रहे विद्यार्थियों को देश के मेडिकल कॉलेजों में समायोजित किया जाए। उन्होंने केंद्र से अनुरोध किया कि एक परीक्षा लेने के बाद देश के मेडिकल कॉलेज में इन विद्यार्थियों को दाखिला लेने की अनुमति दी जाए। मंत्री ने कहा कि इस तरह की परीक्षा पास करने वाले छात्रों को समाहित करने के लिए मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त सीट सृजित की जा सकती हैं। सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर यूक्रेन में पढ़ने वाले मेडिकल छात्रों की भारत वापसी के बाद आगे की शिक्षा पर चिंता जताई है।