लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

2011 से बेरोजगारी की दर दोगुना हुई : रिपोर्ट

श्रमिकों के लिए भी 2016 से रोजगार के अवसर घटे हैं। सामान्य रूप से देखा जाए तो बेरोजगारी के मामले में पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम प्रभावित हुई हैं। 

देश में 2018 तक के पिछले आठ साल के दौरान बेरोजगारी की दर दोगुना हो गई है। नवंबर, 2016 में नोटबंदी के दो साल के दौरान 50 लाख रोजगार घटे हैं। एक निजी विश्वविद्यालय के नए शोध में यह निष्कर्ष निकाला गया है। अमित बसोले की अगुवाई में अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने राष्ट्रीय नमूना सर्वे कार्यालय (एनएसएसओ) द्वारा नए जल्दी -जल्दी किए जाने वाले श्रम बल सर्वे (पीएलएफएस) की रपट अभी जारी नहीं की है इस लिए इस अध्ययन में 2016 से 2018 के दौरान रोजगार की स्थिति को समझने के लिए सरकार सेंटर फॉर मॉनिटरिंग द इंडियन इकनॉमी (सीएमआईसी-सीपीडीएक्स) के आंकड़ों का इस्तेमाल कर रही है।

विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर डाली गई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011 से सामान्य तौर पर बेरोजगारी बढ़ी है। पीएलएफएस और सीएमआईई-सीपीडीएक्स दोनों की रिपोर्ट में 2018 में बेरोजगारी की दर को करीब छह प्रतिशत आंका गया हैं यह 2000 से 2011 की औसत दर दर का दोगुना है। इसमें कहा गया है कि भारत में बेरोजगार लोगों में ज्यादातर उच्च शिक्षा प्राप्त और युवा हैं। इसमें कहा गया है कि सीएमआईई-सीपीडीएक्स के विश्लेषण से पता चलता है कि 2016 से 2018 के दौरान 50 लाख लोगों का रोजगार छिना। नवंबर, 2016 में नोटबंदी की गई थी।

हालांकि, दोनों के बीच सिर्फ इसी आधार पर कोई सीधा संबंध स्थापित नहीं किया जा सकता। एनएसएसओ की समय-समय पर श्रमबल सर्वे पर आधारित लीक रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 में बेरोजगारी की दर छह प्रतिशत से अधिक यानी 45 साल के उच्चस्तर पर थी। हालांकि, सरकार ने आधिकारिक रूप से अभी इस रिपोर्ट को जारी नहीं किया है।

अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की शोध रिपोर्ट के अनुसार शहरों में कामकाज की आयुवाली महिलाओं में 10 प्रतिशत स्नातक है लेकिन इनमें 34 प्रतिशत बेरोजगार हैं। वहीं 20 से 24 साल के वर्ग में बेरोजगारों की संख्या कहीं अधिक है। उदाहरण के लिए शहरी पुरुषों में कामकाज लायक आबादी में इस आयु वाली आबादी 13.5 प्रतिशत है पर इसमें 60 प्रतिशत बेरोजगार हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च शिक्षित वर्ग में बेरोजगारी बढ़ी ही है, कम शिक्षित (असंगठित क्षेत्र) श्रमिकों के लिए भी 2016 से रोजगार के अवसर घटे हैं। सामान्य रूप से देखा जाए तो बेरोजगारी के मामले में पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम प्रभावित हुई हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

18 − six =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।