कांग्रेस पार्टी में अप्रत्याशित रूप से बड़े फेरबदल की मांग को लेकर लगभग 23 नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र पर बवाल मचा हुआ। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में राहुल गांधी ने पत्र लिखने वाले नेताओं के खिलाफ नाराजगी जताते हुए टिप्पणी की, जिससे आहत हुए गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफे देने की बात कही।
सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने पत्र लिखने वाले सभी नेताओं को बीजेपी का एजेंट बता दिया। इसके बाद पत्र लिखने वाले नेताओं में से एक गुलाब नबी आजाद ने कहा कि अगर ये साबित हो जाय कि वो बीजेपी से सांठ-गांठ कर रहे हैं तो वो पार्टी छोड़ देंगे।
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि पार्टी में सुधार को लिखा गया लेटर बीजेपी से मिलीभगत का नतीजा है। राहुल ने लेटर की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठाए हैं। वहीं गुलाम नबी आजाद की सफाई से असंतुष्ट प्रियंका गांधी ने कहा कि जो आप कह रहे हैं वह उससे ठीक उलट है जो आपने लेटर में लिखा है।
हरियाणा कांग्रेस की नेता कुमारी शैलजा ने भी पत्र लिखने वालों पर हमला बोला और कहा कि वो बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आ गया जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई।