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केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने बताया ई-नाम मंच से 117 और मंडियां जुड़ी, 15 मई तक 1 हजार मंडियों को जोड़ने का लक्ष्य

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नई मंडियों का शुभारंभ करते हुए, तोमर ने कहा कि किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए ई-नाम को और मजबूत करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि ई-नाम के साथ एपीएमसी मंडियों का एकीकरण करने से किसानों को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी उपज को बेचने की सुविधा मिलेगी। 15 मई से पहले 1,000 मंडियों को जोड़ने का लक्ष्य है

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को बताया कि इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नाम) प्लेटफॉर्म के साथ 117 अतिरिक्त थोक मंडियों का एकीकरण किया गया है, जिसके बाद देश भर में ऑनलाइन मंडियों की कुल संख्या 962 तक पहुंच गई है। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि ई-नाम प्लेटफॉर्म के साथ इन एकीकृत अतिरिक्त मंडियों में गुजरात की 17, हरियाणा की 26, जम्मू एवं कश्मीर की एक, केरल की पांच, महाराष्ट्र की 54, ओडिशा की 15, पंजाब की 17, राजस्थान की 25, तमिलनाडु की 13 और पश्चिम बंगाल की एक मंडी शामिल हैं। इस समय, किसान अपनी कृषि उपज की नीलामी देशभर में मौजूद 6,900-एपीएमसी (कृषि उपज विपणन समितियों) मंडियों में करते हैं। कुछ कृषक ई-नाम प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन बोली के माध्यम से बिक्री कर रहे हैं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नई मंडियों का शुभारंभ करते हुए, तोमर ने कहा कि किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए ई-नाम को और मजबूत करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि ई-नाम के साथ एपीएमसी मंडियों का एकीकरण करने से किसानों को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी उपज को बेचने की सुविधा मिलेगी। 15 मई से पहले 1,000 मंडियों को जोड़ने का लक्ष्य है। मौजूदा कोविड ​​-19 की स्थिति में अधिक मंडियों को एकीकृत किया जा रहा है क्योंकि ई-नाम मंच पर बोली लगाने के लिए नीलामी स्थल के पास खरीदार या व्यापारी की भौतिक उपस्थिति जरूरी नहीं है। इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म, ई-भुगतान सुविधा भी प्रदान करता है जिसके माध्यम से व्यापारी किसानों को अपने घर या कार्यालय, किसी भी स्थान से उनका भुगतान कर सकते हैं और इस प्रकार भीड़ से बचा जा सकता है।
कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन स्थिति के दौरान मंडियों में भीड़-भाड़ को कम करने के लिए, सरकार ने ई-नाम मंच पर लॉजिस्टिक्स समर्थन के अलावा, गोदामों से सीधे व्यापार के साथ-साथ किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के संग्रह केंद्रों से सीधा कारोबार करने की नई सुविधाएं शुरू की है। मंत्रालय के अनुसार, 1.66 करोड़ किसान, 1.30 लाख व्यापारी और 71,911 कमीशन एजेंट ई-नाम मंच का उपयोग कर रहे हैं। इस वर्ष 9 मई तक ई-नाम मंच पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की वस्तुओं का कारोबार किया गया है।
इसके अलावा, ई-नाम मंच के माध्यम से 708 करोड़ रुपये के डिजिटल भुगतान किए गए, जिससे 1.25 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए। बारह राज्यों में अंतर-मंडी व्यापार में कुल 236 मंडियों ने भाग लिया, जबकि 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने व्यापार में भाग लिया, जिससे किसानों को दूर स्थित व्यापारियों के साथ सीधे बातचीत करने का मौका हासिल हुआ। मौजूदा समय में ई-नाम पर खाद्यान्न, तिलहन, फाइबर, सब्जियों और फलों सहित 150 वस्तुओं का कारोबार किया जा रहा है। ई-नाम मंच पर 1,005 से अधिक एफपीओ पंजीकृत किए गए है और इसने 7.92 करोड़ रुपये की 2,900 टन कृषि उपज का कारोबार किया है।

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