प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मॉडल टेनेन्सी एक्ट (आदर्श किरायेदारी कानून) को मंजूदी दे दी गई है। मॉडल किरायेदारी अधिनियम का मसौदा अब राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा जाएगा, इसके मुताबिक वह अपने किरायेदारी कानून में बदलाव कर सकेंगे। इस कानून से मकान मालिकों और किराएदारों दोनों को फायदा होगा।
सरकारी बयान के अनुसार, इससे देशभर में किराए पर मकान देने के संबंध में कानूनी ढांचे को दुरुस्त करने में मदद मिलेगी, जिससे आगे इस क्षेत्र के विकास का रास्ता खुलेगा। इसमें कहा गया है कि मॉडल किरायेदारी अधिनियम का मकसद देश में एक विविधतापूर्ण, टिकाऊ और समावेशी किराए के लिए आवासीय बाजार सृजित करना है।
इससे हर आय वर्ग के लोगों के लिए पर्याप्त संख्या में किराए के लिए आवासीय इकाईयों का भंडार बनाने में मदद मिलेगी और बेघर होने की समस्या का हल निकलेगा। इससे खाली पड़े घरों को किराए पर उपलब्ध कराया जा सकेगा। सरकार को उम्मीद है कि इसके जरिए किरायेदारी बाजार को व्यापार के रूप में विकसित करने में निजी भागीदारी बढ़ेगी, ताकि रिहायशी मकानों की भारी कमी को पूरा किया जा सके। मॉडल किरायेदारी अधिनियम से आवासीय किराया व्यवस्था को संस्थागत रूप देने में मदद मिलेगी।