मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की वेतन पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। आपको बता दे कि केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 15वें वित्त आयोग के गठन को मंजूरी दे दी गई है। यह आयोग अप्रैल 2020 से लेकर अप्रैल 2025 तक लागू होगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इन्सॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड में भी कुछ बदलाव किए गए हैं, लेकिन उनकी जानकारी अभी नहीं दी जा सकती है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय और 24 उच्च न्यायालयों के जजों की सैलरी को रिवाइज करने का फैसला लिया है।
बता दे कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन में वृद्धि को मंजूरी प्रदान कर दी। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षा में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वेतन में वृद्धि के संदर्भ में संसद में एक विधेयक पेश किया जायेगा।
Cabinet has decided to revise the salary of High Court & Supreme Court judges: Union Minister Ravi Shankar Prasad pic.twitter.com/pjN3gUEG03
— ANI (@ANI) November 22, 2017
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उल्लेखनीय है कि साल 2016 में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने इस बारे में सरकार को पत्र लिखा था और उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन में वृद्धि की मांग की थी।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश को अभी वेतन और भथे से सभी तरह की कटौती के बाद प्रति माह 1.5 लाख रूपये प्राप्त होते हैं। प्रधान न्यायाधीश को थोड़ अधिक वेतन प्राप्त होता है।