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कोरोना के बीच NEET-JEE एग्जाम की तारीख नजदीक, केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्रियों से की यह अपील

निशंक ने इस दौरान मुख्यमंत्रियों से नीट और जेईई परीक्षाओं में छात्रों को आवश्यक सुविधा प्रदान करने की अपील की है।

नीट और जेईई समेत अन्य परीक्षाओं के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय अब देश के विभिन्न मुख्यमंत्रियों से संपर्क साध रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सुदूर उत्तर पूर्वी राज्यों समेत, हरियाणा, गुजरात, गोवा एवं अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस विषय पर बात की है। निशंक ने इस दौरान मुख्यमंत्रियों से नीट और जेईई परीक्षाओं में छात्रों को आवश्यक सुविधा प्रदान करने की अपील की है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, “सुदूर पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में नीट तथा जेईई परीक्षाओं के लिए 8017 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया है जिनके लिए 23 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इन परीक्षा केंद्रो पर सुरक्षा व सुविधा के व्यापक इंतजाम हेतु मैंने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से अनुरोध किया है।”
वहीं सुदूर पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में नीट तथा जेईई परीक्षाओं हेतु कुल 6868 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया है। यहां नीट और जेईई परीक्षाओं के लिए 13 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने इन सभी परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा व सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम की बात कही है। इसके लिए उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री विप्लव देव से अनुरोध किया है।
निशंक ने कहा, “वैश्विक आपदा कोविड-19 के कारण संपूर्ण विश्व का शैक्षिक एवं अकादमिक जगत व्यापक रूप से प्रभावित हुआ है और वर्तमान हालात में शीघ्र ही हमें इस बीमारी से निजात मिलती हुई भी दिखाई नहीं दे रही है। चाहे यू.जी. पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाएं हो अथवा डिग्री के अंतिम वर्ष की परीक्षाएं हों, परीक्षाओं का आयोजन इसलिए आवश्यक है क्योंकि इसी से ही योग्यता, विश्वसनीयता, छात्रवृत्ति, पुरस्कार, प्लेसमेंट तथा विश्व के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रवेश की स्वीकार्यता और बेहतर भविष्य-निर्माण की संभावनाओं में मदद मिलती है।”
निशंक के मुताबिक, विद्यार्थियों के करियर की प्रगति एवं बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए इन परीक्षाओं का आयोजन बेहद जरूरी है। निशंक ने कहा, “अगर अभी नीट और जेईई की परीक्षा नहीं हुई तो वर्तमान अकादमिक सत्र ‘शून्य’ हो जाएगा और इसका असर छात्रों के भविष्य पर पड़ेगा। विद्यार्थियों के भविष्य के व्यापक हितों को देखते हुए राजनीतिक दलों को भी इस पर अनावश्यक बयानबाजी से बचना चाहिए।”
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, “सर्वोच्च न्यायालय ने भी अपने फैसले में स्पष्ट रूप से कहा है कि हम विद्यार्थियों के अकादमिक वर्ष को खराब नहीं कर सकते। मैं अन्य सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी अपील करता हूं कि वह इस संकट की घड़ी में हमारे छात्रों का साथ दें और परीक्षा हेतु उचित व्यवस्था का निर्माण करें जिससे हमारे जेईई व नीट के विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा अथवा परेशानी का सामना न करना पड़े।”

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