केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने बाघ संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए बाघ रिजर्व की संख्या बढ़ाकर 52 कर दी है, जिसकी संख्या 1973 में नौ थी।
जानकारी के मुताबिक यादव ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के मौके पर महाराष्ट्र के चंद्रपुर वन अकादमी में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने तथा हस्तक्षेप के जरिए ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का कल्याण करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। बाघों की 2018 की गणना के अनुसार भारत में उनकी संख्या 2,967 है। उनकी गणना हर चार साल में एक बार की जाती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, सरकार ने बाघ संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है और बाघ रिजर्व की संख्या बढ़ा कर 52 कर दी है जो 1973 में नौ थी…।’’ उन्होंने कहा कि राजस्थान में रामगढ़ विषधारी सबसे नया बाघ रिजर्व है।
उन्होंने कहा कि भारत ने 1952 में विलुप्त हो चुके चीते को वापस लाने के लिए उच्च प्राथमिकता वाली संरक्षण परियोजना शुरू की है। मंत्री ने कहा कि नामीबिया की सरकार के साथ एक द्विपक्षीय समझौते पर पहले ही हस्ताक्षर किए जा चुके हैं और दक्षिण अफ्रीका के साथ एक समझौते पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे।
अधिकारियों ने पीटीआई-भाषा को बताया था कि नामीबिया से चार नर और चार मादा चीतों का पहला समूह 15 अगस्त तक पहुंच जाएगा। दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लाया जाएगा।
केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने जोर दिया कि बाघ शक्ति का प्रतीक है तथा जैव विविधता, वन, जल एवं जलवायु सुरक्षा के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा, हमें ऐसे भविष्य की कल्पना करनी चाहिए जहां मनुष्य, पशु और प्रकृति का शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व हो।’’चौबे ने कहा कि यह गर्व की बात है कि बाघ संरक्षण में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और इसके लिए कंबोडिया, चीन, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, म्यांमा तथा रूस जैसे देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है।