केंद्र की मोदी सरकार आज यानी 1 फरवरी मंगलवार को देश के समक्ष संसद में बजट पेश करेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश के सामने बजट पेश करने वाली हैं। बजट को लेकर आम से लेकर खास हर शख्स की नजरें वित्त मंत्री पर होंगी। हर तबके के व्यक्ति को बजट से अपनी उम्मीदें हैं।
महंगाई और बेरोजगारी कम करने, स्वरोजगार समेत कई उम्मीदे हैं
देश में महंगाई और बेरोजगारी कम करने, स्वरोजगार समेत कई उम्मीदे हैं, जिन पर लोगों का ध्यान केंद्रित होगा। इन सबके बीच इस बार ये भी दिलचस्प है कि देश का आम बजट पांच महत्वपूर्ण राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले पेश किया जा रहा है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि ये बजट चुनावी बजट होने वाला है। देखने वाली बात ये भी होगी कि क्या बजट में वित्त मंत्री की ओर से की जाने वाली घोषणाएं भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में फायदा पहुंचाएंगी या नुकसान? आइए डालते हैं एक नजर।
आम बजट एक चुनावी बजट होने वाला है
उम्मीद जताई जा रही है कि आज संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाने वाला आम बजट चुनावी बजट होने वाला है। बजट में पांच राज्यों (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब) के लिए स्पेशल घोषणाएं हो सकती हैं। चुनावी राज्यों की जनता भी यह आस में है कि बजट में उनके लिए कुछ न कुछ खास जरूर होगा। तमाम बातों के बीच सरकार को इस बजट से फायदा भी हो सकता है और नुकसान भी।
बजट से बढ़ सकती है मोदी सरकार की मुश्किलें, जानें कैसे
बजट सरकार की मुश्किल बढ़ा भी सकता है और नहीं भी। सरकार को राजकोषीय घाटे को ध्यान में रखते हुए बजट पेश करना होगा और जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप हितकारी और खुश करने वाला बजट भी पेश करना होगा। अगर बजट से जनता जर्नादन का मूड बिगड़ गया तो चुनाव से पहले ये बजट सरकार के लिए ग्रहण भी साबित हो सकता है। इसलिए माना जा रहा है कि सरकार अपने बजट में दोनों का तालमेल रखते हुए बजट पेश करेगी।
बजट से जनता खुश नहीं हुई तो विपक्ष की होगी बल्ले-बल्ले
आज सरकार की ओर से पेश किया जाने वाला आम बजट भाजपा के लिए आने वाली राजनीतिक चुनौतियों से बेखबर नहीं हो सकता। पांच राज्यों में आगामी चुनाव तत्काल हैं। वहीं, 2022 के अंत में गुजरात में भी चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा शासित सरकार का ध्यान सिर्फ अर्थव्यवस्था को बूस्ट ही नहीं बल्कि बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई पर भी केंद्रित होगा। चुनावी मौसम में विपक्ष सरकार पर महंगाई और बढ़ती बेरोजगारी को लेकर सवाल उठा चुका है। ऐसे में बजट पर इस बार जनता को खासी उम्मीदें हैं, अगर बजट से जनता खुश नहीं हुई तो विपक्ष को बैठे-बैठे हाथ पर लड्डू मिलना सच साबित हो जाएगा।
सरकार की नजरें किसानों पर भी हैं
साल भर से ज्यादा वक्त तक देशभर के किसान संगठनों ने तीन कृषि कानूनों (अब स्थगित) को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोल किया था। लंबे वक्त तक किसान संगठन दिल्ली में सरकार के फैसले के खिलाफ डटे थे। सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी जब किसान नहीं मानें तो चुनाव से पहले सरकार बैकफुट में आई और नुकसान की आशंकाओं के बीच सरकार को तीनों कानून वापस लेने पड़े।
ऐसे में सरकार की नजरें किसानों पर भी हैं। उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में बड़ी आबादी किसानों की है। सरकार हालांकि अपनी वर्तमान योजनाओं का बखान करके किसानों को समझाने का प्रयास कर चुकी है। लेकिन इस बजट में सरकार के पास एक बार फिर किसान संगठनों को अपने पाले में करने का सुनहरा अवसर है।
भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बजट पेश होने के एक दिन बाद यानि 2 फरवरी को सुबह 11 बजे आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था पर भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि बजट में जनता के लिए पेश होने वाली योजनाओं को पीएम खुद कार्यकर्ताओं को समझाएंगे, ताकि चुनावी मौसम में कार्यकर्ता जन-जन तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी पहुचाएं।