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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बोले- टीबी जन आंदोलन की सफलता जमीनी स्तर पर जनता तक पहुंचने पर निर्भर

केंद्रीय मंत्री हर्ष वर्धन ने मंगलवार को कहा कि टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) जन आंदोलन की सफलता पूरी तरह जमीनी स्तर पर हो रही गतिविधियों पर निर्भर करती है।

केंद्रीय मंत्री हर्ष वर्धन ने मंगलवार को कहा कि टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) जन आंदोलन की सफलता पूरी तरह जमीनी स्तर पर हो रही गतिविधियों पर निर्भर करती है और इस बाबत मुख्य रूप से दूरदराज के इलाकों में हो रहे कार्य पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी दो राज्य एक समान नहीं होते और भौगोलिक स्थिति के अनुसार गतिविधियां करने की जरूरत है जिससे कार्य का प्रभाव कई गुना बढ़ सके और दिखने लायक बदलाव सामने आए। वर्धन ने यहां वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये दिए गए एक संबोधन में यह कहा। वह ‘ट्यूबरक्लोसिस टेक्निकल कंसल्टेंट्स नेटवर्क टीम्स’ को संबोधित कर रहे थे जिसमें डब्ल्यूएचओ के अधिकारी और देश भर से आए कंसलटेंट शामिल थे।
वर्धन के साथ डब्ल्यूएचओ एसईएआरओ की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह और भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि रोड्रिको ओफ्रीन भी सम्मेलन में शामिल हुए। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एक वक्तव्य में बताया गया कि सम्मेलन की शुरुआत में वर्धन ने 2025 तक टीबी को समाप्त करने के भारत के संकल्प के प्रति विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के समर्थन के लिए संस्था को धन्यवाद दिया।
वर्धन ने कहा, “हमें अब एक केंद्र शासित क्षेत्र लक्षद्वीप और एक जिले, जम्मू कश्मीर के बड़गाम को टीबी से मुक्त घोषित कर दिया है।” उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर जल्द से जल्द एक ऐसा मॉडल बनाने की जरूरत है जिसे मापा जा सके और उसका अनुकरण किया जा सके।
वक्तव्य के अनुसार स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “टीबी जन आंदोलन की सफलता पूरी तरह से जमीनी स्तर पर जनता तक पहुंचने पर निर्भर करती है। इस दिशा में किए जा रहे कार्य को राज्य केंद्रित होना चाहिए और मुख्य रूप से दूरदराज के इलाकों तक पहुंचना चाहिए। कोई भी दो राज्य एक समान नहीं होते और हमें भौगोलिक स्थिति के अनुसार कार्य करना होगा ताकि इसका कई गुना प्रभाव पड़ सके और दिखने लायक बदलाव सामने आ सके।”

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