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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बाढ़ से निपटने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया

शाह ने देश के प्रमुख जल ग्रहण क्षेत्रों में बाढ़ और जल स्तर बढ़ने की भविष्यवाणी के मकसद से एक स्थायी व्यवस्था बनाने के लिए संबंधित एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल पर भी जोर दिया

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को देश में मानसून और बाढ़ की तैयारियों की समीक्षा की और अधिकारियों को इनके प्रभावों से बचने और जानमाल के नुकसान को कम करने के लिये एक सुविचारित योजना बनाने का निर्देश दिया। गृह मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि शाह ने बिहार, पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तर प्रदेश में हर साल आने वाली बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान प्रदान करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई करने को कहा।
शाह ने देश के प्रमुख जल ग्रहण क्षेत्रों में बाढ़ और जल स्तर बढ़ने की भविष्यवाणी के मकसद से एक स्थायी व्यवस्था बनाने के लिए संबंधित एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल पर भी जोर दिया। बयान में बताया गया है कि शाह ने देश में बाढ़ के खतरे वाले प्रमुख नदी के बहाव क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति और मानसून से निपटने के लिए उपायों की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की।
शाह ने अधिकारियों को बाढ़ का प्रभाव और जानमाल के कम से कम नुकसान के लिये एक सुविचारित योजना बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने जल शक्ति मंत्रालय और केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) को देशभर के प्रमुख बांधों की वास्तविक भंडारण क्षमता की समीक्षा करने का भी निर्देश दिया ताकि जल की समय पर निकासी हो सके और बाढ़ रोकना सुनिश्चित किया जा सके। बैठक में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के सचिव ने एक प्रस्तुति दी और देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ से सम्बंधित जानकारी दी।
उन्होंने बांध, जलाशय, नेपाल में चल रही परियोजनाओं, बाढ़ सुरक्षा उपायों और गैर-संरचनात्मक उपायों जैसे –बाढ़ प्रभावित इलाकों का क्षेत्रीकरण, बाढ़ के पूर्वानुमान और गंगा तथा ब्रह्मपुत्र घाटी में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के उपायों के बारे में भी बताया। बयान में बताया गया है कि भारत में कुल चार करोड़ हेक्टेयर क्षेत्र बाढ़ के जोखिम वाले इलाके में आता है जिसमें गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों का बेसिन प्रमुख है। असम, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सबसे अधिक जोखिम वाले राज्य हैं।
बयान में कहा गया है कि बैठक में लिए गए निर्णय बाढ़ के प्रकोप से अपनी फसलें, संपत्ति, आजीविका और मूल्यवान जीवन आदि गंवाने वाले देश के लाखों लोगों की पीड़ा को कम करने में काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे। बैठक में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और भारत मौसम विज्ञान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी प्रस्तुतियां दी।

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