केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने रविवार को विवादित बयान देते हुए कहा कि बिहार के लोगों की वजह से दिल्ली एम्स में भीड़ बढ़ गई है, उन्होंने कहा कि बिहार के लोग छोटी सी बिमारी को लेकर दिल्ली एम्स पहुंच जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने एम्स के अधिकारियों से कहा है कि ऐसे लोगों का बिना इलाज किये वापस बिहार भेज दें। मंत्री के इस बयान के बाद बिहार में सियासत गरमा गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस ने इस बयान के लिए बिहार के लोगों से माफी मांगने को कहा है। वहीं, जनता दल (युनाइटेड) ने मंत्री से ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी है।
कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने अश्विनी चौबे से इस बयान को लेकर बिहार की जनता से माफी मांगने व प्रधानमंत्री से ऐसे मंत्री को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है।
वही राजद के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में अश्विनी चौबे को मानसिक दिवालियेपन का शिकार बताते हुए कहा कि भाजपा ने हमेशा ही बिहार और बिहारियों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि इस बयान के लिए चौबे और भाजपा को बिहार के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
उधर, राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि सत्ता के नशे में मंंत्री मदहोश हैं। लोगों का अधिकार है कि वो कहीं भी इलाज करा सकते हैं। मंत्री जी का ये बयान संविधान के खिलाफ हैं और उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर निकाल देना चाहिए।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने अश्विनी चौबे को सलाह दी है कि एेसी बयानबाजी से बचें। उन्होंने कहा कि दिल्ली एम्स में सबसे ज्यादा डॉक्टर बिहार के हैं, तो बिहार के लोग अगर एम्स में नहीं जाएंगे तो कहां जाएंगे? उन्होंने कहा कि एेसे बयान से परहेज करना चाहिए।