भारत तेल खरीद की पारदर्शिता का कायम पर हैं। तेल खरीद को लेकर लगातार यूरोपीय देश भारत पर दवाब बनाते आए हैं, लेकिन केंद्रिय मंत्री के एक जवाब ने दवाब बनाने वाले देशों को सभी को चुप करा दिया हैं। तेल मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक द्विपक्षीय बैठक में भारत की तेल खरीद की नीति को पारदर्शिक कर दिया हैं। हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि अपनी जनता को ऊर्जा उपलब्ध कराना भारत सरकार का नैतिक कर्तव्य है और भारत को जहां से तेल मिलेगा, वह खरीदेगा।
रूस से तेल के आयात के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, किसी ने भारत को रूस से तेल खरीदने से मना नहीं किया है, इसके बाद पुरी ने कहा कि तेल खरीद की चर्चा भारत की उपभोक्ता आबादी तक नहीं पहुंच सकती हैं
अमेरिका में 43 प्रतिशत तो भारत में सिर्फ 2 फीसदी की तेल कीमतों में वृद्धि
विश्व में बढ़ते पेट्रोल डीजल की कीमत पर हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हमने भारत में सिर्फ २ फीसद की वृद्धि की हैं , लेकिन अमेरिका में 43 फीसदी की वृद्धि की गयी हैं। वैश्विक स्तर पर गैस की कीमत 260-280% तक बढ़ गए लेकिन इनको नियंत्रण करने के लिए ७० फीसदी तक हमारी क्षमता हैं।
रूस से 50 फीसदी गुना बढ़ा भारत का तेल आयात
उल्लेखनीय हैं कि रूस -यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक स्तर पर गैस व तेल की कीमतों पर काफी वृद्धि देखी गई, लेकिन रूस से भारत ने कम कीमतों में काफी तेल खरीदा है। अभी तक भारत रूस से सिर्फ अपनी खपत का २फीसद ही तेल का आयात करता था, लेकिन युद्ध की स्थिति में भारत ने रूस से 50 गुना तेल ज्यादा खरीदा हैं। भारत फिलहाल कुल कच्चा तेल आयात का 10 फीसदी हिस्सा रूस से मंगवा रहा है
उर्जा संकट को भारत ने जिम्मेदारी के साथ निपटा
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि मौजूद तेल व गैस संकट को देखते हुए हमने कुशलता के साथ अपने देश के किसी भी हिस्से को तेल व गैस कि किल्लत से परेशान नहीं होने दिया। भारत -अमेरिका का उर्जा क्षेत्र में सहयोग की अपार संभावनाए हैं।
आपको बता दे की अमेरिका के उर्जा सचिव जेनिफर ग्रानहोम क्लीन व रेवएन्यूबल उर्जा के लिए भारत व अमेरिका के बीच टास्क फोर्स की घोषणा की गई हैं। जिससे की एकीकरण के साथ एनर्जी के क्षेत्र में समर्थन किया जा सके ।
विश्व में बढ़ते पेट्रोल डीजल की कीमत पर हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हमने भारत में सिर्फ २ फीसद की वृद्धि की हैं , लेकिन अमेरिका में 43 फीसदी की वृद्धि की गयी हैं। वैश्विक स्तर पर गैस की कीमत 260-280% तक बढ़ गए लेकिन इनको नियंत्रण करने के लिए ७० फीसदी तक हमारी क्षमता हैं।
रूस से 50 फीसदी गुना बढ़ा भारत का तेल आयात
उल्लेखनीय हैं कि रूस -यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक स्तर पर गैस व तेल की कीमतों पर काफी वृद्धि देखी गई, लेकिन रूस से भारत ने कम कीमतों में काफी तेल खरीदा है। अभी तक भारत रूस से सिर्फ अपनी खपत का २फीसद ही तेल का आयात करता था, लेकिन युद्ध की स्थिति में भारत ने रूस से 50 गुना तेल ज्यादा खरीदा हैं। भारत फिलहाल कुल कच्चा तेल आयात का 10 फीसदी हिस्सा रूस से मंगवा रहा है
उर्जा संकट को भारत ने जिम्मेदारी के साथ निपटा
हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि मौजूद तेल व गैस संकट को देखते हुए हमने कुशलता के साथ अपने देश के किसी भी हिस्से को तेल व गैस कि किल्लत से परेशान नहीं होने दिया। भारत -अमेरिका का उर्जा क्षेत्र में सहयोग की अपार संभावनाए हैं।
आपको बता दे की अमेरिका के उर्जा सचिव जेनिफर ग्रानहोम क्लीन व रेवएन्यूबल उर्जा के लिए भारत व अमेरिका के बीच टास्क फोर्स की घोषणा की गई हैं। जिससे की एकीकरण के साथ एनर्जी के क्षेत्र में समर्थन किया जा सके ।