केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि जिस नेतृत्व के पास संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने की क्षमता और इच्छाशक्ति है, वह ही पाकिस्तान के अवैध कब्जे से पीओजेके को फिर से हासिल करने की क्षमता रखता है। उन्होंने यह बात पीओजेके के विस्थापितों को समर्पित ‘मीरपुर बालिदान दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि “भारतीय उपमहाद्वीप का विभाजन मानव जाति के इतिहास में सबसे बड़ी त्रासदी थी। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को तत्कालीन रियासत के एक हिस्से को खोने के रूप में दूसरी त्रासदी का सामना करना पड़ा जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में चला गया। पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) को पुनः प्राप्त करना अगला एजेंडा है।”
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जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह हमेशा माना जाता था कि अनुच्छेद 370 को कभी भी निरस्त नहीं किया जाएगा, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, यह संभव हुआ और इसी तरह पीओजेके को पुनः प्राप्त करने का संकल्प भी पूरा होगा। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री सिंह ने कहा कि पीओजेके को फिर से हासिल करना न केवल एक राजनीतिक और राष्ट्रीय एजेंडा है, बल्कि मानवाधिकारों के सम्मान की जिम्मेदारी भी है क्योंकि “पीओजेके में हमारे भाई अमानवीय परिस्थितियों में रह रहे हैं” और स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं से उन्हें महरूम रखा गया है।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने आजादी के समय 560 से अधिक रियासतों के विलय की जिम्मेदारी संभाली थी और इसे सफलतापूर्वक पूरा किया था लेकिन उन्हें जम्मू-कश्मीर के मामले से उन्हें अलग रखा गया था क्योंकि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जम्मू-कश्मीर को अपने स्तर पर संभालना चाहते थे। सिंह जम्मू कश्मीर के उधमपुर से लोकसभा सदस्य हैं।