कोरोना महामारी के बीच पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का असर सीधा आम लोगों की जेबों पर होता है। इसी के मद्देनजर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में देश के पहले वाणिज्यिक तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) फिलिंग स्टेशन का उद्घाटन किया। इस दौरान गडकरी ने कहा कि जल्द ही हम लोग पेट्रोल पंप पर एथेनॉल की सुविधा देंगे, जो पेट्रोल-डीज़ल से कम दाम पर उपलब्ध होगा।
उन्होंने कहा कि पेट्रोल की कीमतें बढ़ रही हैं, लोग पेट्रोल की बढ़ रही कीमतों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। ऐसे में हम लोगों को आने वाले दिनों में सुविधा देंगे कि वो पेट्रोल पंप पर एथेनॉल मिल सके, ताकि उनके पास ऑप्शन उपलब्ध रहे। पेट्रोल अगर 100 रूपए से अधिक है, तो एथेनॉल ग्राहक को महज 60-65 रूपए लीटर मिलेगा। ग्रीन फ्यूल से प्रदूषण में कमी भी आएगी।
गडकरी ने कहा कि वाहन ईंधन के रूप में इथेनॉल का उपयोग पेट्रोल की तुलना में 20 रूपए प्रति लीटर बचाने में मदद करेगा। एलएनजी के आर्थिक लाभ पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”आंकड़ों से पता चलता है कि एक पारंपरिक ट्रक इंजन को एलएनजी इंजन में बदलने की औसत लागत 10 लाख रूपए है। ट्रक साल में लगभग 98,000 किमी चलते हैं, इसलिए एलएनजी में बदलने के बाद 9-10 महीनों में प्रति वाहन 11 लाख रूपए की बचत होगी।
गडकरी ने कहा, ‘हम लोग अपनी अर्थव्यवस्था में पेट्रोल-डीजल और पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर 8 लाख करोड़ रूपए खर्च कर रहे हैं, जो एक बड़ी चुनौती है। हमने एक नीति तैयार की है, जो आयात के विकल्प को लागत प्रभावी प्रदूषण मुक्त व स्वदेशी इथेनॉल, जैव सीएनजी, एलएनजी और हाइड्रोजन ईंधन के विकास को प्रोत्साहित करती है।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रालय विभिन्न वैकल्पिक ईंधनों पर लगातार काम कर रहा है। गडकरी ने कहा कि हमें चावल, मक्का और चीनी को बर्बाद होने से बचाने के लिए अधिशेष का उपयोग करना होगा। फ्लेक्स इंजन के बारे में उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल विनिमार्ताओं विशेषकर चौपहिया और दुपहिया वाहनों के लिए फ्लेक्स इंजन बनाना अनिवार्य करने के संबंध में तीन महीने में निर्णय लिया जाएगा। गडकरी ने बताया कि अमेरिका, कनाडा और ब्राजील जैसे कई देशों के पास फ्लेक्स इंजन पहले से हैं। उन्होंने कहा कि वाहन की कीमत एकसमान रहती है, चाहे वह पेट्रोल हो या फ्लेक्स इंजन।