बीते दिन कैबिनेट बैठक में सरकार की ओर से किसानों के हित में कई अहम बड़े फैसलों को मंजूरी दी गई है। कृषि सुधारों की दिशा में सरकार ने बुधवार को अहम कदम बढ़ाते हुए प्रमुख कृषि उत्पादों को आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के दायरे से बाहर करने के फैसले पर मुहर लगा दी है। जिसके बाद कयास लगाएं जा रहे हैं कि सरकार के इस फैसले से किसानों को अच्छा-खासा लाभ होगा।इस बीच, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने गुरुवार को कहा कि ‘एक देश-एक बाजार’ नीति से किसानों के जीवन में खुशहाली आएगी।
चौधरी ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय की ओर से आयोजित कृषि एवं किसान कल्याण के लिए केंद्र सरकार के प्रभावकारी कदम विषय पर संवाददाताओं से कहा कि मोदी सरकार ने देश के करोड़ों किसानों को बड़ी राहत दी है और देशभर के किसान अब देश में कही भी अपनी फसल को बेच सकेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने ‘एक देश-एक बाजार’ नीति को मंजूरी दे दी है। एक देश एक बाजार शुरू होने के बाद अब किसान को अपनी फसल के लिए जहां भी ज्यादा दाम मिलेंगे वह वहां फसल बेचने लिए पूरी तरह से स्वतंत्र होगा। इस नीति को लागू करने के लिए सरकार ‘आवश्यक वस्तु अधिनिधि 1955’ में भी बदलाव कर रही है।’’
चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने साढ़े छह दशक पुराने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दे दी ताकि अनाज, दलहन और प्याज सहित खाद्य वस्तुओं को नियमन के दायरे से बाहर किया जा सके। उन्होंने कहा कि किसानों को उपज की बेहतर कीमतें दिलाने के लिए केंद्र सरकार ने संविदा खेती (कांट्रैक्ट फार्मिंग) पर मॉडल कानून को हरी झंडी दिखा दी है। इसमें केवल खेती ही नहीं बल्कि डेयरी और पशु पालन को भी शामिल किया गया है।