केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के प्राकृतिक संक्रमण या टीकों से विकसित प्रतिरोधक क्षमता अपने आप में संपूर्ण नहीं है। उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि प्राकृतिक रूप से कोरोना वायरस संक्रमण के बाद पुन: संक्रमण या टीकों के बाद संक्रमण होना असामान्य नहीं है।
इस अध्ययन का प्रकाशन मार्च 2022 में जर्नल ऑफ मेडिकल
पवार ने कहा कि कोवैक्सीन या कोविशील्ड टीके की कम से कम एक खुराक लेने वाले 1,112 लोगों पर किये गये एक अध्ययन में 7.91 प्रतिशत मामलों में टीका लगने के बाद भी संक्रमण देखा गया। इस अध्ययन का प्रकाशन मार्च 2022 में जर्नल ऑफ मेडिकल वायरोलॉजी में प्रकाशित किया गया था। उन्होंने कहा कि के बाद संक्रमण होने के 88 मामलों में से 90.91 प्रतिशत में लक्षण थे और बाकी 9.09 प्रतिशत में लक्षण नहीं थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार टीका नहीं लगवाने वाले लोगों में
जानकारी के मुताबिक उन्होंने कहा कि टीके के बाद संक्रमण के लक्षण वाले मामलों में 31.25 प्रतिशत मामले हल्के लक्षण वाले, 43.75 प्रतिशत मामले मध्यम लक्षण वाले और 25 प्रतिशत मामले गंभीर लक्षण वाले थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार टीका नहीं लगवाने वाले लोगों में संक्रमण अधिक देखा गया है और यदि टीके लगने के बाद संक्रमण होता है तो ऐसे अधिकतर मामलों में संक्रमण टीका नहीं लगवाने वाले लोगों से कम गंभीर होता है।