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केन्द्रीय मंत्री ने वायु प्रदूषण को बताया शहरी क्षेत्रों की समस्या, वायु गुणवत्ता की निगरानी कर रही है सरकार

पर्यावरण वन और जलवायु राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बृहस्पतिवार को एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि वायु प्रदूषण मुख्य रूप से शहरों में होता है, इसलिए वह शहरी क्षेत्रों में परिवेशी वायु गुणवत्ता की निगरानी पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

पर्यावरण वन और जलवायु राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बृहस्पतिवार को एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि वायु प्रदूषण मुख्य रूप से शहरों में होता है, इसलिए वह शहरी क्षेत्रों में परिवेशी वायु गुणवत्ता की निगरानी पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
शहरी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता पर ध्यान दे रही है सरकार
दरअसल, आज इस भीड़भाड़ वाली दुनियां में वायुप्रदूषण की समस्या आम हो गई है। मंत्री ने कहा ‘‘वायु प्रदूषण मुख्य रूप से शहरों में होता है। इसलिए सरकार शहरी क्षेत्रों में परिवेशी वायु गुणवत्ता की निगरानी पर ध्यान केंद्रित कर रही है। तदनुसार 28 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों में 465 शहरों को शामिल करते हुए 1243 निगरानी स्टेशन स्थापित किए गए हैं।’’
उन्होंने कहा कि पंजाब के ग्रामीण क्षेत्रों में 24 और दमन व दीव और दादरा व नगर हवेली में दो निगरानी स्टेशन प्रायोगिक आधार पर स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा विभिन्न राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में 17 नए निगरानी स्टेशन को मंजूरी दी गई है। हिमाचल प्रदेश और मिजोरम में पांच-पांच, केरल, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में दो-दो तथा त्रिपुरा में एक निगरानी स्टेशन को मंजूरी दी गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की निगरानी 
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की निगरानी नहीं करती है, तो इसका अर्थ यह नहीं है कि यह वहां मौजूद नहीं है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) से जुड़े विवेक चट्टोपाध्याय ने कहा, वायु प्रदूषण एक क्षेत्रीय मुद्दा है और इससे सभी क्षेत्र प्रभावित होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के नजदीक पास द्योग, ताप बिजली घर, और ईंट भट्टे स्थापित किए जाते हैं तथा ग्रामीण घरों में ठोस ईंधन (लकड़ी, कोयला आदि) का इस्तेमाल किया जाता है।
उन्होंने कहा कि सरकार की वायु प्रदूषण प्रबंधन रणनीति को शहर केंद्रित दृष्टिकोण से बढ़ने तथा सभी क्षेत्रों को इसके दायरे में लाने की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए, सिर्फ दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार से स्थिति नहीं सुधरेगी, अगर बाहरी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण को ठीक से नियंत्रित नहीं किया जाता है। इंटरनेशनल फोरम फॉर एनवायरनमेंट, सस्टेनेबिलिटी एंड टेक्नोलॉजी (आईफॉरेस्ट) के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) चंद्र भूषण ने कहा कि बहुत सारे उपग्रह आंकड़े और अध्ययन हैं जिनसे पता लगता है कि वायु प्रदूषण शहरी क्षेत्रों की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी एक बड़ी समस्या है।

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