लोकसभा में कांग्रेस के एक सदस्य ने सोमवार को आरोप लगाया कि कुछ केंद्रीय मंत्री अपने ‘राजनीतिक आकाओं’ की मौन सहमति से भड़काऊ बयान देकर देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन देश में इस ‘नफरत की राजनीति’ की जगह ‘उम्मीद की राजनीति’ की जरूरत है।
कांग्रेस के गौरव गोगोई ने यह भी कहा कि देश में बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, अशिक्षा जैसी विकराल चुनौतियों के बीच विभाजन करने वाले मुद्दे उठाए जा रहे हैं, ऐसे में ही विपक्षी पार्टियां देश और संविधान को बचाने की बात कर रही है। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए गोगोई ने कहा, ‘‘आज देश में ऐसे हालात बन गए हैं कि लोग संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए सड़कों पर उतरे हैं। जिस पर हमें गर्व है।’’
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उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री लोगों को उकसाने वाले कुछ भी बयान दें, लेकिन अंत में जनता ही सरकार चुनती है और सत्ता से बाहर का रास्ता भी दिखाती है। वह परोक्ष रूप से केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान दिए गए विवादास्पद बयान की ओर इशारा कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि एक मंत्री ने उकसावे वाला बयान दिया जिसके बाद दिल्ली में एक युवक ने गोली चला दी।
गोगोई ने कहा कि लेकिन इसके लिए केवल मंत्री जिम्मेदार नहीं बल्कि आला पदों पर बैठे उनके ‘राजनीतिक आका’ जिम्मेदार हैं जिनकी मौन सहमति इस तरह के बयानों को देने के लिए है। अगर यह सहमति नहीं होती तो इस तरह के बयान पर बयान नहीं आते। गोगोई ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि आज देश के मंत्री कह रहे हैं कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले देश के लोग ही देश के दुश्मन हैं। जबकि कांग्रेस उन्हें अपना भाई-बहन मानती है।
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उन्होंने सदन में चर्चा की शुरूआत बीजेपी के प्रवेश वर्मा द्वारा किए जाने और इस दौरान कांग्रेस के वाकआउट का जिक्र करते हुए कहा कि हमें भी सदन से बाहर जाने में पीड़ा हुई लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि जिस बीजेपी नेता पर चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण देने को लेकर प्रचार करने पर रोक लगा दी थी, बीजेपी ने उनसे चर्चा की शुरूआत कराई। गोगोई ने कहा कि यह चुनाव आयोग और संवैधानिक संस्थाओं के प्रति बीजेपी का रवैया दर्शाता है।
इससे पहले जब गोगोई अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए तो विपक्ष के कुछ सदस्यों ने सत्तापक्ष की खाली सीटों की ओर इशारा किया। इस दौरान एकमात्र कैबिनेट मंत्री संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी सदन में थे। पीठासीन सभापति ए राजा ने कहा कि कैबिनेट मंत्री महेंद्रनाथ पांडेय उनसे अनुमति लेकर पानी पीने गए हैं तथा संसदीय कार्यमंत्री जोशी सदन में हैं। गोगोई ने कहा कि सवाल सदन में मंत्रियों की संख्या का नहीं है बल्कि इस महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान उनकी कम अनुपस्थिति से दर्शाए जाने वाले उनके रवैए का है।
इससे पहले चर्चा की शुरूआत करने के लिए जब बीजेपी की ओर से सांसद प्रवेश वर्मा खड़े हुए तब कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों ने दिल्ली में चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए उनके विवादित बयान का सदन में विरोध किया और सदन से वाकआउट किया था । हालांकि कुछ देर बार वे सदन में लौट आए।