आज भारत के कुछ राज्य भयंकर बाढ़ का प्रकोप झेल रहे है और काफी अधिक संख्या में लोग इस प्राकृतिक आपदा का शिकार भी हुआ है। अगर सिर्फ सरकारी आंकड़ों की माने तो अकेले बिहार में करीब 400 से ज्यादा मौतें हो चुकी है। आपने कई ऐसी तस्वीरें देखी होगी जो इस बाढ़ के कहर को बयान करती है पर आज हम आपके लिए भारत की वो तस्वीरें लाएं है जिन्हे देख कर आपकी आँखे नाम हो जाएंगे।
भारत आज जिस स्थिति में है उसके बाद भी वर्तमान में बिहार और असम में आयी बाढ़ की तबाही वाली तस्वीरें व्यथित कर देने वाली है पर जरा सोचिये आज से 50 साल पहले जब भारत ने ऐसी आपदाओं का सामना किया होगा वो तस्वीरें जब इतनी वीभत्स है तो वो मंज़र कितना दर्दनाक होगा।
हम शायद कल्पना भी नहीं कर सकते की कितने विकट हालातों से जूझ कर भारत खड़ा हुआ है। देश में भ्रष्टाचार फैलाने वाले लोगों को सोचना चाहिए की इस देश ने खड़े होने में ना जाने कितने दर्दों को झेला है।
ये तस्वीरें जो आप देख रहे है ये 1943 में भारत में पड़े भीषण अकाल की है। उस मंजर को याद करके ही लोग कांप जाते है। तब का बंगाल आज बांग्लादेश बन चुका है।
जानकारी के मुताबिक यह अकाल भारत के पश्चिम बंगाल, बिहार और उड़ीसा क्षेत्र में पड़ा था। इस दौर में ली गई तस्वीरें इतनी भयानक है कि इस आपदा का केवल अंदाजा ही लगाया जा सकता है।
इस भीषण अकाल के बारे में कहा जाता है की उस वक्त बंगाल में अनाज की कमी हो गई थी। उस दौर में द्वितीय विश्व युद्ध भी चल रहा था। खाद्य सामग्री की आपूर्ति व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई।
अकाल के उस मंज़र को करीब से देखने वाले एक प्रोफेसर ने बीबीसी को दिए गए एक इंटरव्यू में बताय की उस वक्त लोग सांप और घास खाकर पेट भरने को मजबूर थे। “कोलकाता, ढाका की सड़कें पूरी तरह से कंकालों से भर गई थीं। मानो लोग केवल मरने के लिए ही बंगाल पहुंचे थे।” बताया जाता है की इस अकाल के प्रकोप से करीब ३० लाख लोग भूख से तड़प-तड़प कर मर गए थे।
इस अकाल के पीछे दो वजह बताई जाती हैं। पहला प्राकृतिक आपदा और दूसरा अंग्रेज सरकार की नीतियां। मुख्य रूप से इसके पीछे अंग्रेज सरकार की नीतियां ही जिम्मेदार थी।