उत्तर प्रदेश में हुए दंगों के आरोपियों की संपत्ति पर चले रहे बुलडोजर की कार्रवाई के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। बता दें कि, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने यूपी और में बुलडोजर से हो रही कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग को लेकर याचिकाएं दायर की है। इसके अलावा दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा में हुई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर भी याचिका दाखिल की गई है। जिसकी सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में होगी।
गलत पाए जाने वाले अधिकारियों पर होनी चाहिए कार्रवाई
खबरों के मुताबिक जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका में मांग की है कि, वह यूपी सरकार को आदेश दें कि इस तरह की कार्रवाई कानून के तहत होनी चाहिए। इसके अलावा याचिका में यह भी मांग की गई है कि, अब तक जो बुलडोजर चलाए गए हैं उसमें गलत पाए जाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि, इस मामले की सुनवाई जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच सुनवाई करेगी।
पुलिस ने अब तक 300 लोगों को कर चुकी है गिरफ्तार
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने याचिका में कहा है कि यूपी सरकार द्वारा अधिनियमित कानून और नगर पालिका कानूनों के उल्लंघन में ध्वस्त किए गए घरों के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि, प्रदेश में कई जिलों में हिंसा हुई थी जिसमें पुलिस ने अब तक 300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अन्य की तलाश के लिए पोस्टर चस्पा किए गए हैं।
गलत पाए जाने वाले अधिकारियों पर होनी चाहिए कार्रवाई
खबरों के मुताबिक जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका में मांग की है कि, वह यूपी सरकार को आदेश दें कि इस तरह की कार्रवाई कानून के तहत होनी चाहिए। इसके अलावा याचिका में यह भी मांग की गई है कि, अब तक जो बुलडोजर चलाए गए हैं उसमें गलत पाए जाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि, इस मामले की सुनवाई जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच सुनवाई करेगी।

पुलिस ने अब तक 300 लोगों को कर चुकी है गिरफ्तार
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने याचिका में कहा है कि यूपी सरकार द्वारा अधिनियमित कानून और नगर पालिका कानूनों के उल्लंघन में ध्वस्त किए गए घरों के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। बता दें कि, प्रदेश में कई जिलों में हिंसा हुई थी जिसमें पुलिस ने अब तक 300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और अन्य की तलाश के लिए पोस्टर चस्पा किए गए हैं।
