प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी BBC की डॉक्यूमेंट्री का विवाद बढ़ता जा रहा है। इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और ब्रिटेन इस डॉक्यूमेंट्री का मुद्दा वहां की संसद में उठाया । बता दें कि गुरुवार को पाकिस्तानी मूल के सांसद द्वारा यहां मुद्दा उठाए जाने के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की है जिसे लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है।
गुजरात में हुए दंगों का भी इसमें जिक्र
BBC ने The Modi Question के नाम से दो पार्ट में एक नई सीरीज बनाई है। इसका पहला पार्ट मगंलवार को जारी किया। जहां इस सीरीज में पीएम मोदी के शुरुआती दौर के राजनीतिक सफर पर बातें की गईं हैं। वहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ उनके जुड़ाव, भाजपा में बढ़ते कद और गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति की चर्चा भी इसमें की गई है। मोदी के मुख्यमंत्री रहते गुजरात में हुए दंगों का भी इसमें जिक्र है। और इसी हिस्से में गुजरात दंगों में पीएम मोदी की कथित भूमिका की बात कही गई। जिसे लेकर विवाद हो रहा है।
ब्रिटेन में सोशल मीडिया पर इसका विरोध
दरअसल 17 जनवरी को इसे BBC टू पर रिलीज किया गया था। और इस सीरीज के आते ही विवाद शुरू हो गया। ब्रिटेन में सोशल मीडिया पर इसका विरोध शुरू हुआ। इसको लेकर लोगों ने आपत्ति जताई और कहा कि BBC को 1943 के बंगाल अकाल पर भी सीरीज बनानी चाहिए। जिसमें 30 लाख से ज्यादा लोगों की भुखमरी और बीमारी के कारण मौत हो गई। वहीं गुरुवार को यह मामला ब्रिटेन की संसद में पहुंच गया। जहां पाकिस्तान मूल के सांसद इमरान हुसैन ने BBC की सीरीज का मुद्दा उठाया।
डॉक्यूमेंट्री को लेकर ब्रिटेन की संसद में हंगामा
गुरुवार को पाकिस्तान मूल के लेबर पार्टी के सांसद इमरान हुसैन ने ब्रिटेन की संसद में इसका मुद्दा उठाया। इसके बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने अपने समकक्ष नरेंद्र मोदी का बचाव किया। उन्होंने कहा कि वह अपने भारतीय समकक्ष के चरित्र चित्रण से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस पर यूके सरकार की स्थिति स्पष्ट और लंबे समय से चली आ रही है और बदली नहीं है। आगे सुनक ने कहा, ‘निश्चित रूप से हम उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करते हैं, चाहे यह कहीं भी हो, लेकिन मैं उस चरित्र-चित्रण से बिल्कुल सहमत नहीं हूं, जो नरेंद्र मोदी को लेकर सामने रखा गया है।’
वहीं इससे पहले ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड के सदस्य लॉर्ड रामी रेंजर ने बुधवार को अपने ट्वीट में BBC को निशाने पर लिया। ब्रिटिश सांसद ने BBC पर पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग करने का आरोप लगाया और भारत के करोड़ों लोगों की भावनाओं को आहत करने के लिए BBC की आलोचना भी की।
यूनाइटेड हिंदू फ्रंट ने भी दर्ज कराई आपत्ति
यूनाइटेड हिंदू फ्रंट नाम के संगठन ने भी गुरुवार को BBC की कड़ी भर्त्सना की। फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जय भगवान गोयल ने कहा किBBCजानती है कि अगर उसे विश्व भर में चर्चा में आना है, तो उसे मोदी के ही नाम का सहारा लेना होगा। बाकी जो भी कुछ दुष्प्रचार करने की कोशिश वह कर रही है, वह उसBBCकी साम्राज्यवादी सोच का प्रतिबिंब है, जिसके खुद अपने देश से पैर उखड़ते जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि BBC पर दो भाग वाली सीरीज ‘ इंडिया द मोदी क्वेश्चन’ वस्तुस्थिति से कोसों दूर है। उन्होंने इसके नाम पर आपत्ति करते हुए कहा कि मोदी यूके के लिए ‘क्वेश्चन’ होगें, ऐसी अभद्र भाषा BBC के संस्कारों को शोभा देती होगी। लेकिन मोदी भारत और दुनिया के कई देशों के लिए ‘आंसर’ हैं।
बीबीसी ने डॉक्यूमेंट्री को ‘गहन शोध’ वाला बताया
उधर शुक्रवार कोBBCने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपनी विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री का बचाव किया।BBCके एक प्रवक्ता ने कहा कि यह एक ‘गंभीरता से शोध की गई’ डॉक्यूमेंट्री है जिसमें अहम मुद्दों को उजागर करने की कोशिश की गई है। प्रवक्ता न