अमेरिकी राजदूत गार्सेटी ने काशी घाट पर गंगा आरती देखने के बाद की वाराणसी की प्रशंसा

अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने मंगलवार को काशी पहुंचे और अस्सी घाट पर गंगा आरती में शामिल हुए। बुधवार को उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव शेयर करते हुए वाराणसी की खूब प्रशंसा की।
अमेरिकी राजदूत गार्सेटी ने काशी घाट पर गंगा आरती देखने के बाद की वाराणसी की प्रशंसा
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एरिक गार्सेटी ने गंगा आरती में हुए शामिल

अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने प्रसिद्ध घाटों से सूर्योदय और गंगा आरती देखने के बारे में बुधवार को अपने अनुभव साझा करते हुए वाराणसी की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह ‘‘इस बात की खूबसूरत याद दिलाता है कि परंपराएं हमें कैसे आकार देती हैं।’’ राजदूत ने ‘एक्स’ पर कई पोस्ट में वाराणसी की अपनी यात्रा की तस्वीरें साझा कीं।

एरिक गार्सेटी ने सोशल मीडिया पर शेयर किया अपना अनुभव

गार्सेटी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, ‘‘अस्सी घाट से गंगा पर सूर्योदय का अनुभव करना शानदार अनुभव था। इस पल को इतने सारे लोगों के साथ साझा करना कितना आनंददायक था, जो इतनी खूबसूरती देखने के लिए सुबह-सुबह एकत्र हुए थे।’’ गार्सेटी ने एक अन्य पोस्ट में गंगा तट पर आरती देखने का अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा, ‘‘दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती महज एक अनुष्ष्ठान नहीं है, यह इस बात का सुंदर प्रमाण है कि परंपराएं हमें कैसे आकार देती हैं। नदी पर प्रतिबिंबित रोशनी और रात में घंटियों की गूंजती ध्वनि एक अविस्मरणीय वातावरण बनाती है। वाराणसी ने मेरी आत्मा को छू लिया है।’’

Rohit Chhapola

अमेरिकी राजदूत ने वाराणसी को 'प्रकाश का शहर' बताया

इससे पहले, अमेरिकी राजदूत ने लिखा था, ‘‘नमस्ते वाराणसी। मैं अंततः ‘प्रकाश का शहर’ की यात्रा करने के लिए उत्साहित हूं। इस जीवंत शहर के खूबसूरत घाटों, प्राचीन मंदिरों और परंपराओं को देखने के लिए उत्सुक हूं।’’ वाराणसी भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक है और अपने पुराने घाटों के अलावा काशी विश्वनाथ मंदिर सहित अपने पवित्र स्थलों पर बड़ी संख्या में भक्तों को आकर्षित करता है।

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गार्सेटी दुर्गा पूजा समारोह में भी हुए शामिल

हाल में, गार्सेटी दुर्गा पूजा समारोह का अनुभव करने के लिए कोलकाता गए थे। उन्होंने 12 अक्टूबर को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘दुर्गा पूजा के दौरान कोलकाता में पंडालों में घूमना एक अनोखा अनुभव है। हर पंडाल और घर की पूजा एक कहानी बयां करती है और इस मौसम की अनूठी भावना और विरासत का जश्न मनाती है। कला, इतिहास, संस्कृति और समुदाय के इस खूबसूरत मिश्रण का हिस्सा बनना सम्मान की बात है।’’

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